विदेश सचिव पद से हटाई गईं सुजाता सिंह ने शनिवार को कहा कि समय से पहले सेवानिवृत्ति की उनकी पेशकश इस वजह से खारिज कर दी गई थी, क्योंकि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) चाहता था कि वह अपने पत्र से उस हिस्से को हटा दें, जिसमें लिखा गया था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर ऐसा कर रही हैं।
सुजाता ने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 28 जनवरी को दोपहर में उन्हें बताया था कि प्रधानमंत्री मोदी एस जयशंकर को विदेश सचिव नियुक्त करना चाहते हैं। पूर्व विदेश सचिव ने कहा कि उन्होंने उस शाम एक पत्र लिखकर प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार समय से पहले सेवानिवृत्ति की मांग की थी। पर प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से उन्हें कहा गया कि क्या मैं उन शब्दों को हटाने पर विचार करुंगी। सुजाता ने कहा कि उन्होंने साफ कर दिया,‘मैं पत्र से प्रधानमंत्री का संदर्भ नहीं हटाऊंगी।’
हेडलाइंस टुडे न्यूज चैनल पर वरिष्ठ पत्रकार करण थापर से बातचीत में सुजाता ने कहा, ‘यह प्रधानमंत्री के निर्देश पर हुआ था और एक अच्छे सिविल सेवक के तौर पर हम निर्देशों का पालन करते हैं।’ एक सवाल के जवाब में सुजाता ने दावा किया कि सरकार के भीतर बैठा कोई शख्स मीडिया में उनके खिलाफ खबरें चलवा रहा है। उन्होंने कहा कि वह विशेष महत्व की सूचनाओं का खुलासा पत्रकारों से करने में यकीन नहीं रखतीं। उन्होंने कहा कि अब अध्याय समाप्त हो चुका है। वह अब बागवानी और बुनाई के कामों पर ध्यान देंगी।