प्रधानमंत्री कार्यालय के कुल बजट का 70-80 फीसदी हिस्सा कर्मचारियों की सैलरी पर ही खर्च हो रहा है। पीएमओ के भारी भरकम बजट के बावजूद सैलरी पर करीब 80 फीसदी हिस्सा खर्च होने के अलावा ऑफिस खर्च भी करोड़ों रुपयों में है।
पीएमओ के खर्चे में प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा, पीएम के विशेष विमान की देखरेख का खर्च व अन्य चीजें भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री के देश और विदेश दौरों के खर्च भी पीएमओ ही वहन करता है। देश के शीर्ष अधिकारी पीएमओ में ही तैनात हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार पीएमओ के बजट का 10-15 फीसदी हिस्सा कार्यालय खर्च के रूप में होता है। वित्त वर्ष 2018-19 में पीएमओ का कुल खर्च 46.9 करोड़ रुपये था। इसमें से 35.96 करोड़ रुपये सैलरी का भुगतान करने में खर्च हो गया।
जबकि 5.56 करोड़ रुपये ऑफिस के अन्य खर्च के रूप में शामिल थे। वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू करने के कारण 2016-17 के मुकाबले यह खर्च बढ़ गया। पीएमओ में कभी छुट्टी नहीं होती है। पीएमओ में कई वरिष्ठ अधिकारी हैं जो शनिवार और रविवार को भी ऑफिस आते हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय में काम करने वाले एक अधिकारी के अनुसार पीएम मोदी खुद काम में जुटे रहने वाले व्यक्ति हैं। यही वजह है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही उन्होंने एक दिन भी छुट्टी नहीं ली है।