ग्रामीण इलाकों में विकास के मद्देनजर मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व वाली राजग सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण के लिए मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत सड़क बनाने में 80 हजार करोड़ से ज्यादा की लागत लगेगी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY-III) के तहत सरकार ने देश भर में कुल 1.25 लाख किमी लंबी सड़कें बनाने का प्रस्ताव रखा है।
कैबिनेट के बयान के अनुसार ग्रामीण इलाकों को सड़क के जरिए ग्रामीण कृषि बाजारों, उच्च प्राथमिक स्कूलों और अस्पतालों से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। अब मैदानी इलाकों में 150 मीटर ऊंचे और पहाड़ी इलाकों में 200 मीटर ऊंचे पुल का निर्माण हो सकेगा, जबकि अभी तक मैदानी इलाकों में 75 मीटर और पहाड़ी इलाकों में 100 मीटर ऊंचे पुल का निर्माण होता था।

इस योजना की कुल लागत 80, 250 करोड़ होगी जिसमें केंद्र द्वारा 53,800 करोड़ और राज्य द्वारा 26,450 करोड़ खर्च किया जाएगा। यह फंड केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 के अनुपात में खर्च किया जाएगा, हालांकि पूर्वोत्तर के राज्यों और 3 हिमालयी राज्यों (जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड) में यह अनुपात 90:10 का होगा।अप्रैल 2019 तक MGSY-I, PMGSY-II और RCPLWEA के तहत 5,99,090 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जा चुका है। PMGSY-III की घोषणा पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा 2018-2019 के बजट के भाषण के दौरान की गई थी।

बता दें कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत दिसंबर 2000 में देश के अलग-अलग इलाकों में सभी मौसम में काम इस्तेमाल करने के लायक सड़क बनाने के लक्ष्य के साथ की गई थी।  प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत केंद्र सरकार से 100 प्रतिशत सहायता प्राप्त योजना के रूप में हुई थी। इस दौरान 500 से ज्यादा समतल इलाकों और 250 से ज्यादा, उत्तर पूर्वी, ट्राइबल और रेतीले इलाकों में सड़क बनाने का लक्ष्य रखा गया था ताकि इन इलाकों का सामाजिक और आर्थिक विकास किया जा सके।