प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन ने पुलिस से अपनी सुरक्षा की स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। सोमवार को मेहसाणा के पुलिस अधीक्षक को दी अर्जी में उन्होंने यह मांग की है। 62 वर्षीय जशोदाबेन ने सूचना के अधिकार कानून (आरटीआइ) के तहत अर्जी दाखिल कर यह जानना चाहा है कि वे किन सुविधाओं की हकदार हैं। सेवामुक्त शिक्षिका जशोदाबेन इस समय मेहसाणा के ऊंझा कस्बे में रहती हैं। आरटीआइ में उन्होंने पुलिस से बारह सवाल किए हैं।
मेहसाणा के पुलिस अधीक्षक जेआर मोठालिया ने कहा कि जशोदाबेन जानना चाहती हैं कि जहां तक सुरक्षा के पहलू की बात है, प्रधानमंत्री की पत्नी होने के नाते उनके अधिकार क्या-क्या हैं। मोठालिया ने कहा, आज वे हमारे दफ्तर आईं और यह जानने के लिए आरटीआई अर्जी दाखिल की कि प्रधानमंत्री की पत्नी होने के नाते सुरक्षा के लिहाज से उनके क्या-क्या अधिकार हैं। हम निश्चित समय में उन्हें लिखित जवाब देंगे। ऊंझा में जशोदाबेन अपने भाई अशोक मोदी के साथ रहती हैं।
प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के शपथ-ग्रहण के बाद से मेहसाणा पुलिस उन्हें सुरक्षा दे रही है। मेहसाणा विशेष अभियान समूह (एसओजी) के पुलिस इंस्पेक्टर जेएस चावड़ा ने कहा, हमने उनकी सुरक्षा के लिए सशस्त्र गार्डों के साथ-साथ अपने पुलिसकर्मी तैनात किए हैं । वे दो शिफ्टों में काम करते हैं। एक शिफ्ट में पांच-पांच पुलिसकर्मी होते हैं।
अपनी अर्जी में जसोदाबेन ने पुलिस विभाग से प्रोटोकोल के मुताबिक खुद को मुहैया कराई गई सुरक्षा से जुड़े कई दस्तावेज मांगे हैं। जसोदाबेन ने सरकार द्वारा उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के लिए पारित किए गए असल आदेश की प्रमाणित प्रति भी मांगी है।
जसोदाबेन ने यह भी जानना चाहा है कि भारतीय संविधान में किसी प्रधानमंत्री की पत्नी को दी जाने वाली सुरक्षा से जुड़े क्या-क्या प्रावधान और कानून हैं।
उन्होंने सरकार से यह स्पष्ट करने के लिए भी कहा है कि प्रोटोकोल की परिभाषा क्या है और इसके तहत क्या-क्या चीजें आती हैं और उस प्रोटोकोल के तहत वे किन-किन सुविधाओं की हकदार हैं। जसोदाबेन ने अपनी मौजूदा सुरक्षा-व्यवस्था पर नाराजगी भी जताई है। उन्होंने कहा है कि उनके सुरक्षा गार्ड कार जैसे सरकारी वाहन में सफर करते हैं जबकि उन्हें प्रधानमंत्री की पत्नी होने के बावजूद सार्वजनिक परिवहन में यात्रा करनी पड़ती है।
उन्होंने अर्जी में यह भी कहा है कि दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या उनके अंगरक्षकों ने ही की थी और उन्हें भी अपने गार्डों से डर लगता है। उन्होंने सरकार से कहा है कि प्रत्येक गार्ड के लिए यह जरूरी कर दिया जाए कि वह अपनी तैनाती का लिखित आदेश पेश करे।
जशोदाबेन ने अर्जी में जो सवाल पूछे हैं, उनके सवाल 48 घंटे के अंदर मांगे हैं। उन्होंने संबद्ध दस्तावेज भी नत्थी किए हैं और कहा है कि यह मामला उनके ‘जीवन और मृत्यु से जुड़ा है।’
जशोदाबेन की ओर से आरटीआइ दाखिल किए जाने की पुष्टि करते हुए उनके भाई अशोक मोदी ने कहा है कि प्रधानमंत्री की पत्नी को एक दोपहिया में घूमना कैसा लगता होगा। आखिरकार वे देश की प्रथम महिला हैं। उन्हें उचित परिवहन सुविधा क्यों नहीं दी जा रही। हालांकि हमने कभी इस तरह के सुरक्षा कवर की मांग नहीं की। हकीकत में हम इससे आजिज आ गए हैं। हमें सुरक्षा को लेकर जारी किए गए आदेश अभी तक नहीं दिखाए गए। साथ ही जब उन्हें यह वीवीआइपी दर्जा दिया गया है तो (जशोदाबेन को) पहचान पत्र क्यों नहीं दिया गया। उन्हें सुरक्षा देने वाले एसपीजी कमांडो वर्दी के बजाय सादे कपड़ों में रहते हैं।