लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भूटान की संक्षिप्त यात्रा पर जा रहे हैं। आचार संहिता लागू होने के बाद दोनों देशों के बीच कोई समझौता या घोषणा नहीं हो सकेगी। इसके बाद भी इस दौरे को काफी अहम माना जा रहा है। पीएम मोदी का भूटान दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब हाल ही में भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे भारत यात्रा पर आए थे। यह अपने आप में बेहद खास मौका होगा जब भारत का कोई प्रधानमंत्री चुनाव की घोषणा के बाद विदेश दौरे पर जा रहे हैं। दरअसल आचार संहिता लगने के बाद सरकार कोई भी समझौता या ऐलान नहीं कर सकती है।

मनमोहन सिंह ने भी किया था विदेश दौरा

इससे पहले 2009 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री ने चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद ब्रिटेन का दौरा दिया था। तब वह जी-20 की बैठक में शामिल होने के लिए विदेश गए थे। पीएम मोदी का भूटान दौरा सामरिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है। चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच पीएम मोदी का दौरा काफी खास है। बता दें कि शेरिंग सरकार के दौरान ही चीन के साथ सीमा विवाद सुलझाने में मदद मिली थी। उस दौरान चीन और भूटान के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

भूटान का साथ है इसलिए अहम

भारत, भूटान और चीन के बीच सीमा कई जगहों पर ‘चिकन्स नेक’ में तब्दील होती हैं। भारत और चीन के बीच डोकलाम में हिंसक झड़प देखने को मिली थी। यह इलाका ट्राई जंक्शन वाला था। पूर्वोत्तर इलाकों में भी इसकी अहम भूमिका रहती है। भूटान और चीन के बीच सीमा समझौते में क्षेत्र की अदला बदली शामिल थी। जनवरी में पदभार संभालने के बाद तोबगे पहली विदेश यात्रा पर भारत आए थे। ऐसे में पीएम मोदी भूटान की यात्रा कर दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की कोशिश करेंगे।