यूएनएससी में निर्वाचन के बाद पहली बार संयुक्त राष्ट्र की बैठक में पीएम मोदी ने वर्चुअल शिरकत की। यूएनएससी में सफलता के बाद पीएम मोदी का यूएन में यह पहला भाषण था। उन्होंने यूएन के आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के सत्र को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 2022 तक देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर हाउसिंग फॉर ऑल के योजना के तहत सभी भारतवासियों के सिर के ऊपर छत होगी। चाहे भूकंप, चक्रवात, इबोला संकट या कोई अन्य प्राकृतिक या मानव निर्मित संकट हो, भारत ने तेजी और एकजुटता के साथ जवाब दिया है। कोरोना के खिलाफ हमारी संयुक्त लड़ाई में हमने 150 से अधिक देशों में चिकित्सा और अन्य सहायता उपलब्ध करवाई है।
उन्होंने कहा कि आज, अपने घरेलू प्रयासों के माध्यम से, हम फिर से एजेंडा 2030 और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में एक प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। हम उनके सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में अन्य विकासशील देशों का भी समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शुरुआत से ही, भारत ने संयुक्त राष्ट्र के विकास कार्यों और ECOSOC का सक्रिय समर्थन किया है। ECOSOC के पहले अध्यक्ष एक भारतीय थे। ECOSOC के एजेंडे को आकार देने में भारत ने भी योगदान दिया।
क्या है UNECOSOC (United Nations Economic and Social Council): दरअसल, आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी), संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के छह प्रमुख अंगों में से एक, यूएन द्वारा किए गए आर्थिक, सामाजिक, मानवीय और सांस्कृतिक गतिविधियों की दिशा और समन्वय का काम करता है। ECOSOC की स्थापना संयुक्त राष्ट्र चार्टर (1945) द्वारा की गई थी, जिसे 1965 और 1974 में संशोधित कर सदस्यों की संख्या 18 से बढ़ाकर 54 की गई थी। ECOSOC की सदस्यता भौगोलिक प्रतिनिधित्व पर आधारित है।
14 सीटें अफ्रीका, 11 एशिया, 6 पूर्वी यूरोप को आवंटित है।10 लैटिन अमेरिका और कैरिबियन और 13 पश्चिमी यूरोप और अन्य क्षेत्रों को आंवटित है। महासभा द्वारा देशों को सदस्यों को तौर पर तीन साल के लिए चुना जाता है। सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से चार को लगातार फिर से चुना गया क्योंकि वे ECOSOC के अधिकांश बजट के लिए धन उपलब्ध कराते हैं, जो संयुक्त राष्ट्र की किसी भी सहायक संस्था का सबसे बड़ा कोष है। ईसीओएसओसी की अध्यक्षता प्रतिवर्ष बदलती रहती है।
ECOSOC का अधिकांश कार्य मानव अधिकारों, नशीले पदार्थों, जनसंख्या, सामाजिक विकास, सांख्यिकी, महिलाओं की स्थिति और विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे विषयों पर किया जाता है।