प्रधानमंत्री नरेंद्र ने लोकसभा में गुरुवार को राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर धन्‍यवाद भाषण दिया। इस मौके पर उन्‍होंने सरकार पर लगे आरोपों को जवाब दिया। तो विपक्ष विशेष तौर पर कांग्रेस और राहुल गांधी को जमकर आड़े हाथों लिया। पीएम ने सरकार की खूबियां गिनाई तो पिछली सरकारों की नाकामियों का जिक्र भी किया। संसद में नवाचारों के लिए अपने विचार भी सदन के सामने रखे। आइए जानते हैं पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें:

कांग्रेस पर
कांग्रेस ने 60 साल में काम नहीं किया इसलिए हमें करना पड़ रहा है। बांग्‍लादेश सीमा विवाद और 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाने जैसे काम हो गए होते तो हमें यह काम न करना पड़ता। मनरेगा 60 सालों के कार्यकाल की विफलता का स्‍मारक है। 60 साल के कार्यकाल में कांग्रेस ने काम किया होता तो देश के नागरिेकों को गड्ढे खोदने नहीं पड़ते। कांग्रेस ने गरीबी की जड़ें जमाई। गरीबी नहीं होती तो मनरेगा नहीं होता।

Read Also: #NaMoInSansad: Twitter पर लोग बोले- तलवार कांग्रेस की और वार भी कांग्रेस पर

राहुल गांधी पर
बिना नाम लिए कहा, कुछ लोग पढ़-लिखकर आते हैं और मनोरंजन करते हैं। कुछ लोगों को बातें देर से समझ आती हैं। लोग इनफिरियोटी कॉम्‍पलेक्‍स से पीडि़त हैं वे नहीं चाहते वे विपक्ष के अन्‍य लोग आगे बढ़ जाएं। विपक्ष के सामर्थ्‍यवान सांसद न बोल पाए इसलिए सदन नहीं चलने दिया जा रहा। हीन भावना के चलते सदन को नहीं चलने दिया जा रहा है। वे बड़ों का सम्‍मान नहीं करते। सरकार के बनाए अध्‍यादेश को प्रेस कांफ्रेंस कर फाड़ देते हैं। मुलायम सिंह यादव के बयान को फाड़ देते हैं।

सरकार के काम पर
सरकार दुगुनी रफ्तार से काम कर रही है। रेलवे पर खर्च किए जा रहे पैसे का उल्‍लेख करते हुए यूपीए और एनडीए सरकार के कामकाज में अंतर बताया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी योजनाओं को गिनाया।

बोलने की आजादी पर
रूस के नेता स्‍टालिन और ख्रुश्‍चेव की कहानी सुनाई। हमसे कोई कुछ भी पूछ सकता है। कोई भी सवाल कर सकता है। कांग्रेस के लिए परोक्ष रूप से कहा कुछ लोगों से सवाल नहीं किया जा सकता।

संसद में हंगामे पर
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बयान के जरिए कांग्रेस को घेरा। सदन ऐसा फोरम है जहां सरकार से तीखे सवाल होते हैं। बहस में किसी को बख्‍शा नहीं जाता। सदन न चलने से विपक्ष जनता की आवाज नहीं उठा पाता है। सदन नहीं चलता है तो सत्‍ता पक्ष को कम नुकसान होता लेकिन विपक्ष को सबसे ज्‍यादा नुकसान होता है। पिछले दिनों सदन में जो हुआ उससे देश पीडि़त और चिंतित है।

बिलों के पास न होने पर
जरूरी बिलों को रोका जा रहा है। जीएसटी, व्‍हीसल ब्‍लोअर अमेंडमेंट एक्‍ट जैसे बिलों का नाम लेते हुए कहा ये बिल कांग्रेस लाई थी। सिस्‍टम से दलालों को खत्‍म करने के लिए बिल जरूरी है। ये बिल जनता और देश के लिए जरूरी है। सभी दलों को जरूरी बिलों को पास करने के लिए न्‍योता दिया।

संसद में नवाचारों पर
महिला दिवस पर केवल महिला सांसद ही बोलें। साल में एक हफ्ता केवल नए सांसदों को बोलने का मौका दिया जाए। पहली बार चुनकर आए कई सांसद काफी तेजस्‍वी हैं। उन्‍हें बोलने का मौका दिया जाए। संसद में विचारों की ताजगी वाली हवा चले। पानी, विकास और प्राथमिक शिक्षा जैसे मुद्दों पर सामूहिक रूप से चर्चा की जाए।

मनरेगा पर
मनरेगा कांग्रेस सरकार की विफलता का स्‍मारक। पिछले कई दशकों से यह योजना अलग-अलग नामों से कांग्रेस सरकारों ने चलाई। हर बार इसका नाम बदल दिया गया। म नरेगा में 100 दिन का लक्ष्य कभी पूरा नहीं होता। हम इसे पारदर्शी बनाकर बेहतर करना चाहते हैं।

अपनी आलोचना पर
कांग्रेस सांसद के कथनी और करनी में अंतर बताने के बयान पर कहा 14 सालों से कई प्रमाण पत्र मिले हैं। एक और सही। मैं इसे सिर झुकाकर स्‍वीकार करता हूं। 14 सालों में कई बार अलोचनाएं सहीं। अब फर्क नहीं पड़ता।

भविष्‍य के बारे में
विपक्ष से सहयोग मांगा। कहा- मैं नया हूं, मुझे आपके अनुभव की जरूरत। सरकार में सुधार आना चाहिए। देश को अफसरशाही के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। देश के लोगों पर भरोसा करना होगा। हेडलाइन की चिंता में तू-तू मैं-मैं ठीक नहीं।

See Pics: देखिए पीएम मोदी के भाषण के बाद कैसी रही Twitter पर प्रतिक्रिया

कुछ लोगों ने पीएम मोदी को जेएनयू और रोहित वेमुला सुसाइड केस में घेरा भी।