सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद CBI प्रमुख का पद संभालने वाले आलोक वर्मा की एक दिन बाद ही छुट्टी कर दी गई है। उनको पद से हटाने का ऐतिहासिक फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति ने ली है। सेलेक्ट कमेटी में पीएम मोदी के अलावा विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के प्रतिनिधि के तौर पर जस्टिस एके. सीकरी शामिल थे। आलोक वर्मा को हटाने का फैसला 2-1 के बहुमत से लिया गया। इससे पहले ऐसी खबर आई थी कि दो दौर की वार्ता खत्म होने के बाद भी सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा को हटाने के मसले पर फैसला नहीं हो सका। वहीं, एम.नागेश्वर राव को फिर से तत्कालिक तौर पर सीबीआई प्रमुख का जिम्मा सौंपा गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खड़गे फैसले से सहमत नहीं थे। उन्हें कुछ बातों को लेकर आपत्ति थी। हालांकि, खड़गे ने आलोक वर्मा की नियुक्ति का विरोध किया था, जबकि सेलेक्ट कमेटी की बैठक में उन्होंने उन्हें पद से हटाने का विरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आलोक वर्मा की 77 दिनों के बाद सीबीआई निदेशक पद पर वापसी हुई थी।

भ्रष्टाचार के आरोप में आलोक वर्मा की छुट्टी: न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने भ्रष्टाचार और दायित्वों का उचित तरीके से निर्वाह न करने के आरोप में आलोक वर्मा को सीबीआई प्रमुख के पद से हटाने का बहुमत से फैसला लिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आलोक वर्मा को फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट का निदेशक बनाया गया है। इससे पहले तकरीबन 77 दिनों के बाद सीबीआई प्रमुख का पद संभालते ही आलोक वर्मा ने जांच एजेंसी के तत्कालीन अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव द्वारा ट्रांसफर किए गए कई अधिकारियों के तबादले को निरस्त कर दिया था। इसके साथ ही गुरुवार (10 जनवरी) को सीबीआई के 5 अन्य अफसरों का तबादला कर दिया था। इसमें सीबीआई में डीआईजी के पद पर तैनात एमके. सिन्हा भी शामिल हैं। सिन्हा ने सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच करने से इनकार कर दिया था। सेलेक्ट कमेटी के फैसले से कुछ देर पहले ही आलोक वर्मा ने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से जुड़े मामले की जांच दूसरे अधिकारी को नियुक्त किया था।
पीएम मोदी और जस्टिस सीकरी से सहमत नहीं थे खड़गे: सेलेक्ट कमेटी में शामिल विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पीएम मोदी और जस्टिस सीकरी की राय से सहमत नहीं थे। उनका कहना था कि पद से हटाने से पहले आलोक वर्मा को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना चाहिए। हालांकि, सेलेक्ट कमेटी के दो अन्य सदस्यों ने खड़गे की आपत्तियों को दरकिनार कर दिया। इस बीच, कांग्रेस ने आलोक वर्मा को पद से हटाए जाने को लेकर पीएम मोदी पर हमला बोला है। पार्टी ने कहा कि मोदी जांच से डर गए, जिसके कारण आलोक वर्मा को पद से हटाया गया।

