पिछले 5 सालों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान उनके विदेशी दौरों को लेकर खूब बातें हुई हैं। अब इसे लेकर सरकार ने जानकारी दी है, जिसके तहत पीएम मोदी ने पिछले 5 सालों के दौरान 48 विदेश दौरे किए हैं, जिन पर सरकारी खजाने से करीब 2,021 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसकी तुलना यूपीए कार्यकाल के दौरान तत्कालीनी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल से करें तो मनमोहन सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान 38 विदेश यात्राएं की और उन पर 1,346 करोड़ रुपए खर्च हुए। पीएम मोदी की विदेश यात्राओं के दौरान चार्टर्ड फ्लाइट्स का बिल इस दौरान 429.28 करोड़ रुपए रहा। खास बात ये है कि यह बिल पूर्व की मनमोहन सरकार से 64 करोड़ रुपए कम है।
कांग्रेस सांसद ने मांगा सरकार से हिसाबः गुरुवार को कांग्रेस सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा में पीएम मोदी और मनमोहन सिंह की विदेश यात्राओं की जानकारी और उन पर हुए खर्च की जानकारी मांगी थी। कांग्रेस सांसद ने सरकार से इसकी भी जानकारी मांगी की पीएम मोदी की विदेश यात्राओं के दौरान साथ जाने वाले डेलीगेशन में कौन-कौन लोग शामिल रहे। इसके जवाब में विदेश मंत्रालय की ओर से दिए गए जवाब में कई अहम जानकारी सदन में साझा की गईं। मंत्रालय के अनुसार, पीएम मोदी ने स्वीडन, यूनाइटेड किंग्डम, जर्मनी, रुस, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर और चाइना की यात्रा की। जवाब के अनुसार, पीएम मोदी की 4 विदेश का खर्च अभी कुल खर्च में नहीं जोड़ा गया है। इनमें नेपाल, रवांडा, यूगांडा, दक्षिण अफ्रीका और मालदीव की यात्रा शामिल है। माना जा रहा है कि इन यात्राओं के चार्टर्ड फ्लाइट्स के खर्च जोड़े जाने के बाद पीएम मोदी की यात्राओँ में हुआ खर्च पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की यात्राओँ में हुए चार्टर्ड फ्लाइट्स के खर्च को आराम से पार कर जाएगा।
पत्रकारों को नहीं दी गई तरजीहः इसके अलावा एअरक्राफ्ट मेंटिनेंस के खर्च की बात की जाए तो पीएम मोदी की विदेश यात्राओं में एअरक्राफ्ट मेंटिनेंस का खर्च 1,574.18 करोड़ रहा, वहीं मनमोहन सिंह की यात्राओँ के दौरान एअरक्राफ्ट मेंटिनेंस खर्च 842 करोड़ रुपए रहा था। डेलिगेशन में शामिल लोगों की बात की जाए तो हाल ही में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा था कि वह कभी भी शांत प्रधानमंत्री नहीं रहे। वह अपनी विदेश यात्राओं में मीडिया को लेकर जाते थे और उनके साथ जानकारी साझा करते थे। लेकिन पीएम मोदी के कार्यकाल की बात करें तो इस दौरान पीएम के डेलिगेशन में कम संख्या में पत्रकार विदेश यात्रा पर गए। मंत्रालय द्वारा दिए गए जवाब के अनुसार, अपने कार्यकाल के पहले साल में पीएम मोदी विदेश यात्राओं पर न्यूज एजेंसीज जैसे पीटीआई, एशियन न्यूज, इंटरनेशनल एंड यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया के पत्रकारों को साथ ले जाते थे। लेकिन साल 2016 के बाद से पीएम की विदेश यात्राओं पर सिर्फ विभिन्न एजेंसीज के फोटो पत्रकारों को ही ले जाया गया है। साल 2017 के बाद तो पीटीआई के फोटो पत्रकारों को भी ड्रॉप कर दिया गया। मंत्रालय ने इस संबंध में पूरी जानकारी का खुलासा देने से यह कहकर इंकार कर दिया कि यह संवेदनशील जानकारी है और इसका खुलासा नहीं किया जा सकता।
FDI पर पड़ा असरः पीएम मोदी की विदेश यात्राओँ पर एफडीआई पर पड़े असर के सवाल पर जवाब देते हुए विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने राज्यसभा में कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान पीएम मोदी ने जिन देशों का दौरा किया है, उनमें से 10 देश वो हैं, जहां से भारत को सबसे ज्यादा विदेशी निवेश प्राप्त हुआ। वीके सिंह ने कहा कि साल 2014 में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 30,930 मिलियन डॉलर था, जबकि साल 2017 में यह बढ़कर 43,478 मिलियन डॉलर रहा। मनमोहन सिंह के साल 2011-2014 के कार्यकाल के दौरान कुल विदेशी निवेश 81,843 मिलियन डॉलर था, जबकि साल 2014-जून 2018 के दौरान विदेशी निवेश 1,36,077 मिलियन डॉलर रहा।

