प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में घोषणा की कि 2020, 2024 और 2028 में होने वाले अगले तीन ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों का प्रभावी प्रदर्शन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विस्तृत कार्ययोजना बनाने के लिए कार्यबल का गठन किया जाएगा। ओलंपिक 2020 का आयोजन तोक्यो में किया जाएगा। यह कार्यबल देश में खेल सुविधाओं, खिलाड़ियों के प्रशिक्षण, चयन प्रक्रिया और अन्य संबंधित मामलों में समूची रणनीति तैयार करेगा। कार्यबल में घरेलू विशेषज्ञों के अलावा बाहरी लोगों को भी शामिल किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कार्यबल का गठन अगले कुछ दिनों में किया जाएगा। भारत ने हाल ही में संपन्न हुए रियो खेलों में 118 खिलाड़ियों का अपना अब तक का सबसे बड़ा दल भेजा था। भारत एक रजत और एक कांस्य पदक के साथ पदक तालिका में 67वें स्थान पर रहा। पीवी सिंधू ने बैडमिंटन में रजत और साक्षी मलिक ने महिला कुश्ती में कांस्य पदक जीता जबकि दीपा कर्मकार और अभिनव बिंद्रा अपनी स्पर्धाओं में चौथे स्थान पर रहते हुए मामूली अंतर से कांस्य से चूक गए थे।

स्वाइन फ्लू की चपेट में जैशा, आरोपों की जांच में होगी देरी

पिछले सप्ताह रियो ओलंपिक से बुखार और शरीर में दर्द के साथ लौटी ओलंपियन ओपी जैशा एचवनएनवन संक्रमण की शिकार हो गई हैं। उन्हें फोर्टिस अस्पताल में भर्ती किया गया है जहां स्वाइन फ्लू का इलाज चल रहा है। जैशा ने रियो ओलंपिक में महिलाओं की मैराथन में भाग लिया था। वहीं दूसरी ओर जैशा द्वारा आधिकारिक लापरवाही के आरोपों की जांच में देरी होगी क्योंकि वह इस समय उपचार करा रही हैं। खेल मंत्री विजय गोलय ने आरोपों की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति गठित की थी जिसमें संयुक्त सचिव (खेल) ओंकार केडिया और निदेशक (खेल) विवेक नारायण शामिल हैं। जांच के लिए समिति मंगलवार को गठित की गई थी, जिसे अपनी रिपोर्ट गठन की तारीख से सात दिन के भीतर सौंपने की उम्मीद थी।

भारतीय खेल प्राधिकरण के क्षेत्रीय निदेशक श्याम सुंदर ने कहा, ‘जैशा यहां आई तो उसे बुखार और शरीर में दर्द था। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जैसा कि मुझे साइ के डाक्टरों ने बताया।’ उसे यहां राजीव हृदय रोग संस्थान लाया गया लेकिन वह अपने खून का नमूना देने को ही तैयार नहीं थी। बाद में राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के समझाने के बाद वह राजी हुई। अधिकारी ने कहा, ‘उसने हमारी सलाह पर ध्यान नहीं दिया और छुट्टी का आवेदन देकर 21 अगस्त को साइ सेंटर से चली गई।’ इसके बाद केरल जाने की बजाय वह बंगलुरु में ही रुकी रही और गुरुवार तक साइ या स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से उसने संपर्क नहीं किया।

अधिकारी ने कहा, ‘आखिर में गुरुवार को उसके ठिकाने का पता चला और राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों ने उसे समझा कर खून के नमूने देने के लिए राजी किया।’ इसके बाद नमूने आरजीआइसीडी भेजे गए जहां पता चला कि उसे एचवनएनवन संक्रमण है।
जबकि भारतीय खेल प्राधिकरण की डा सरला ने कहा, ‘जैशा को एचवनएनवन के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है और इस समय इस खिलाड़ी को यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उसे कम से कम छह से सात दिन के आराम की जरूरत है।’ दो दिन पहले एक और एथलीट सुधा सिंह भी इसी बीमारी की चपेट में थी।

रजत पदक जीत सकते थे नरसिंह : डब्लूएफआइ
मुंबई, 26 अगस्त (भाषा)। डोपिंग प्रकरण में फंसे पहलवान नरसिंह यादव का समर्थन जारी रखते हुए भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्लूएफआइ) के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को दावा किया कि अगर वह रियो ओलंपिक में 74 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में हिस्सा लेते तो रजत पदक जीत सकते थे। ध्यान रहे कि रियो खेलों में नरसिंह की स्पर्धा से पहले खेल पंचाट ने उन पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया था। यहां विश्वस्तरीय इनामी राशि प्रतियोगिता की घोषणा के लिए आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के इतर डब्लूएफआइ सचिव वीएन प्रसूद ने कहा, ‘मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि नरसिंह कम से कम रजत पदक जीतते।’ (पूरी खबर पेज 12 पर)