प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पश्चिमी अफ्रीकी देश घाना की संसद को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि घाना की यात्रा उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि वे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रतिनिधि के रूप में अपने साथ 1.4 अरब भारतीयों की सद्भावना और शुभकामनाएं लेकर घाना आए हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाना द्वारा उन्हें दिए गए राष्ट्रीय सम्मान को दोनों देशों को जोड़ने वाली स्थायी मित्रता और साझा मूल्यों को समर्पित किया।
अपने भाषण में उन्होंने कहा कि हमारे लिए लोकतंत्र केवल एक व्यवस्था नहीं है। यह हमारे मौलिक मूल्यों का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हमने अपने संबंधों को व्यापक साझेदारी तक बढ़ाने का फैसला किया है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बनी विश्व व्यवस्था तेजी से बदल रही है। प्रौद्योगिकी में क्रांति, ग्लोबल साउथ का उदय और बदलती जनसांख्यिकी इसकी गति और पैमाने में योगदान दे रही है। बदलती परिस्थितियों में वैश्विक शासन में विश्वसनीय और प्रभावी सुधारों की आवश्यकता है।
अपने भाषण में प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि ग्लोबल साउथ को आवाज दिए बिना प्रगति नहीं आ सकती है। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। एक मजबूत भारत अधिक स्थिर और समृद्ध दुनिया में योगदान देगा। हम एक उज्ज्वल और टिकाऊ भविष्य को सुरक्षित करने के लिए अफ्रीका के विकास ढांचे का समर्थन करते हैं। हम एक साथ मिलकर वादों और प्रगति से भरे भविष्य को आकार देंगे।
जानिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की बड़ी बातें
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- घाना में होना सौभाग्य की बात है, यह एक ऐसी भूमि है जो लोकतंत्र की भावना को प्रसारित करती है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रतिनिधि के रूप में, मैं अपने साथ 1.4 बिलियन भारतीयों की सद्भावना और शुभकामनाएं लाया हूं। घाना को सोने की भूमि के रूप में जाना जाता है, न केवल आपकी मिट्टी के नीचे जो कुछ है, बल्कि आपके दिल में जो गर्मजोशी और ताकत है, उसके लिए भी…
- उन्होंने कहा- पिछली शाम एक बहुत ही मार्मिक अनुभव था, मेरे प्रिय मित्र, राष्ट्रपति जॉन महामा से अपना राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करना एक सम्मान की बात है। मुझे हमारे दूरदर्शी और राजनेता तथा घाना के प्रिय पुत्र, डॉ. क्वामे नक्रूमा को श्रद्धांजलि अर्पित करने का सम्मान मिला। उन्होंने एक बार कहा था कि हमें एकजुट करने वाली ताकतें हमें अलग रखने वाले अतिरंजित प्रभावों से बड़ी हैं। उनके शब्द हमारी साझा यात्रा का मार्गदर्शन करना जारी रखते हैं।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा – भारत लोकतंत्र की जननी है। हमारे लिए लोकतंत्र केवल एक व्यवस्था नहीं है; यह हमारे मौलिक मूल्यों का हिस्सा है… भारत में 2,500 से ज़्यादा राजनीतिक दल हैं, 20 अलग-अलग पार्टियां अलग-अलग राज्यों पर शासन करती हैं, 22 आधिकारिक भाषाएं हैं, हज़ारों बोलियां हैं। यही वजह है कि भारत आने वाले लोगों का हमेशा खुले दिल से स्वागत किया गया है।
- उन्होंने कहा कि भारत और घाना के इतिहास में औपनिवेशिक शासन के निशान हैं, लेकिन हमारी आत्माएं हमेशा स्वतंत्र और निडर रही हैं। हम अपनी समृद्ध विरासत से शक्ति और प्रेरणा प्राप्त करते हैं। हमारी दोस्ती आपके प्रसिद्ध, शुगर लोफ़ पाइनएप्पल से भी ज्यादा मीठी है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा – दुनिया जलवायु परिवर्तन, महामारी, आतंकवाद और साइबर सुरक्षा जैसे नए और जटिल संकटों का भी सामना कर रही है। पिछली सदी में बनाए गए संस्थान जवाब देने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बदलती परिस्थितियां वैश्विक शासन में विश्वसनीय और प्रभावी सुधारों की मांग करती हैं। वैश्विक दक्षिण को आवाज़ दिए बिना प्रगति नहीं हो सकती…हमें गर्व है कि हमारी प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकी संघ G20 का स्थायी सदस्य बन गया।