तमिलनाडु के कस्बे महाबलीपुरम में पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग शुक्रवार को मिलेंगे। दोनों नेताओं के अभिवादन के लिए सड़कों पर करीब 7000 स्टूडेंट रहेंगे। इस मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में करीब 700 कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रखने की जिम्मेदारी 9000 पुलिसकर्मियों के पास होगी। ट्रैफिक की बंदिशें तो होंगी ही, साथ ही 500 सीसीटीवी कैमरों के जरिए 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी।
चेन्नई से 55 किमी दूर महाबलीपुरम में चीनी राष्ट्रपति के पहुंचने से दो दिन पहले सारी तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। चीनी राष्ट्रपति के साथा 200 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भारत आएगा। मंगलवार को अधिकारियों ने बताया कि एयर चाइना का विमान शहर पहुंच चुका है। इस विमान के जरिए चार बुलेटप्रूफ गाड़ियां पहुंची हैं जिनका इस्तेमाल चीनी राष्ट्रपति और उनके काफिले के लिए होगा।
एक सीनियर सुरक्षा अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस से बताया, ”हमने चीनी राष्ट्रपति के एयरपोर्ट पर उतरने और होटल तक जाने के रूट पर उनके स्वागत के लिए 6800 स्टूडेंट्स बुलाए हैं। होटल में आराम करने के बाद वह महाबलीपुरम के लिए रवाना होंगे। 9000 पुलिसकर्मियों की तैनाती होने वाली है। चेन्नई के गुंडी स्थित होटल से लेकर महाबलीपुरम तक सभी ट्रैफिक इंटरसेक्शंस के सुरक्षा इंतजाम कड़े हैं। दूसरे जिलों से करीब 3000 पुलिसवालों को बुलाया गया है।”
वहीं, चीफ सेक्रेटरी के शानमुगम ने चीनी राष्ट्रपति के दौरे के मद्देनजर 34 अधिकारियों की एक टीम बनाई है। इस टीम की अगुआई 9 आईएएस अफसर करेंगे। यह टीम चीनी प्रतिनिधिमंडल का चेन्नई में बिना किसी व्यवधान आवाजाही सुनिश्चित करेगी। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि चेन्नई एयरपोर्ट से लेकर समुद्र के किनारे स्थित महाबलीपुरम मंदिर तक 34 जगहों पर अफसरों को तैनात किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि क्वीन एलिजाबेथ के 1997 में यहां आने के बाद पहली बार इतने बड़े स्तर पर कोई कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। पुलिसवालों ने वीवीआईपी मूवमेंट के मद्देनजर रास्ते में पड़ने वाले चाय की दुकानों को हटवा दिया है। इसके अलावा, सरकारी जमीन पर हुए अतिक्रमण भी हटाए गए हैं।
महाबलीपुरम में तो बीते दो हफ्तों से तैयारियां चल रही हैं। यहां पर्यटकों की एंट्री पर बंदिशें लगाई गई हैं। मंदिर जहां मोदी और चिनफिंग साथ वक्त गुजारेंगे, वहां आसपास मौजूद दर्जनों दुकानों को बंद करवाया गया है। सरकारी बसों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कस्बे से तीन किमी बाहर ही रुक जाएं। पहले चीनी राष्ट्रपति समंदर किनारे एक रिजॉर्ट में रहने वाले थे, जिसे बाद में बदला गया। दरअसल, समुद्र की तरफ से खतरे का हवाला देकर चीनी सुरक्षा अधिकारियों ने आपत्ति जताई थी।
उधर, सुरक्षा एजेंसियों ने समुद्र में मछली पकड़ने पर पाबंदियां लगाई हैं। वहीं, नेवी और कोस्ट गार्ड ने भी बंगाल की खाड़ी में गश्त बढ़ा दी है।