ओलंपिक में भाला फेंक प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा की कहानी बहुत ही दिलचस्प है। कौन जानता था कि वजन घटाने के लिए स्टेडियम में जाने वाला गांव का ये ‘सरपंच’ एक दिन गोल्ड मेडल लेकर देश का सिर गर्व से ऊंचा कर देगा। खुद नीरज को भी इस बात का भरोसा नहीं था।

गोल्ड मेडल जीतने के बाद मीडिया से बात करते हुए नीरज ने कहा- “गलती से जेवलिन (भाला) फेंकना शुरू किया, क्योंकि पहले से दिमाग में नहीं था। पहले से कोई परिवार में स्पोर्ट्स में हो या फिर गांव से होता, तो थोड़ा इंटरेस्ट रहता है स्पोर्ट्स में, लेकिन मेरी फैमिली से भी कोई नहीं था और गांव में भी ऐसा कोई नहीं था। बस ऐसे ही फिटनेस के लिए गए थे, लेकिन वहीं पर ऐसे शुरू हो गया, तो बड़ी सिंपल शुरुआत थी। कोई ऐसा नहीं था कि बहुत ज्यादा सोच समझ कर मैंने जेवलिन शुरू किया। बस, स्टेडियम में गया था फिटनेस करने के लिए, वहीं पर देखा जेवलिन थ्रो करते हुए सीनियर को, फिर मैंने भी शुरू कर दिया।

नीरज चोपड़ा के इस गोल्ड जीतने के बाद पीएम मोदी का एक पुराना वीडियो फिर से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पीएम मोदी तब गुजरात के सीएम थे और 2014 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे थे। पीएम ने इस वीडियो में कहा था कि अगर सेना के जवान को ही ट्रेनिंग दे दी जाए तो वो 5-10 पदक तो वे ही ले आएं।

पीएम ने कहा था- “हर जगह चर्चा होती है, इतना बडा़ देश और गोल्ड मेडल नहीं मिला। फलां देश ये कर गया… क्या 120 करोड़ के देश में ऐसा कोई नहीं मिल सकता। सेना के जवानों को ये काम दिया जाए। खेल में रुचि लेने वाले हैं, उन्हें अलग जगह पर रखा जाए। उनको ही ट्रेनिंग दी जाए तो 5-7-10 मेडल तो सेना के ये जवान लेकर आ सकते हैं।”

बता दें कि नीरज चोपड़ा सेना के राजपूताना राइफल्स में सूबेदार है। 2016 में उन्हें नायब सूबेदार के पद पर जूनियर कमिशंड ऑफिसर के रूप में चुना गया था। नीरज को उनके भारी-भरकम शरीर और पहनावे के कारण गांव में लोग उन्हें सरपंच बुलाते थे। टोक्यो ओलपिंक में एथलेटिक्स में 125 साल के सूखे को खत्म करते हुए नीरज चोपड़ा ने गोल्ड जीता है। शनिवार को नीरज ने जैवलिन (भाला) थ्रो के पहले प्रयास में 87.03 मीटर, दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर और तीसरे प्रयास में 76.79 मीटर भाला फेंका। 87.58 मीटर जैवलिन फेंकने के साथ ही नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया था।