टोक्यो ओलंपिक में शनिवार को भारत के लिए नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया है। नीरज ने ओलंपिक के इतिहास में 121 साल बाद पहली बार ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में भारत को मेडल दिलाया है। इसके अलावा 13 साल बाद उन्होंने भारत के लिए ओलंपिक में गोल्ड मेडल भी जीता।
वहीं नीरज चोपड़ा का ये गोल्ड ओलंपिक के इतिहास में भारत का 10वां गोल्ड भी था। इससे पहले भारत ने हॉकी में 8 गोल्ड (1928,1932,1936,1948,1952,1956,1964,1980), एक शूटिंग (2008) में अपने नाम किए थे।
नीरज चोपड़ा के इस गोल्डेन प्रदर्शन के बाद भारत ने ओलंपिक के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी कर दिया है। भारत ने 2012 लंदन ओलंपिक में 6 मेडल जीते थे। इंडियन आर्मी में नायब सूबेदार के तौर पर तैनात नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक से पहले अपने करियर में 5 और मेगा इवेंट में स्वर्ण पदक अपने नाम किए थे।
5 बड़े इवेंट में गोल्ड जीत चुके हैं नीरज चोपड़ा
टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचते हुए स्वर्ण पदक जीतने वाले जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन चैंपियनशिप, साउथ एशियन गेम्स और वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुके हैं।

एथलेटिक्स में इस कारण से आए थे नीरज ?
हरियाणा के पानीपत नीरज चोपड़ा का एथलेटिक्स की दुनिया में आने का कारण काफी दिलचस्प है। उन्होंने वजन कम करने के लिए एथलेटिक्स में कदम रखा था। बताया जाता है कि महज 12 साल की उम्र में उनका वजन 90 किलो था।
अपने बढ़ते वजन के कारण उन्होंने एज ग्रुप प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने 2016 में भारतीय सेना को ज्वाइन कर लिया।
गौरतलब है नीरज ने आज देश का मान ऊंचा करते हुए 87.58 मीटर की दूरी तक अपने गोल्डेन आर्म से जो भाला फेंका कि उन तक कोई नहीं पहुंच पाया। इसी के साथ उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में भारत के आखिरी इवेंट में भारत को गोल्ड मेडल दिलाकर खेलों के महाकुंभ का स्वर्णिम अंत किया।