भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की 84वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कलाम की कमी को भरना एक चुनौती है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर कलाम राष्ट्रपति से पहले राष्ट्र रत्न थे। वे अवसर नहीं, नई चुनौती खोजते थे। उनका व्यक्तित्व जीवंत था। वे खुद को एक शिक्षक के रूप में देखते थे।
भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित डॉक्टर कलाम का निधन 27 जुलाई को हो गया था। वह भारत के 11वें राष्ट्रपति थे और इस पद पर उनका कार्यकाल वर्ष 2002 से 2007 तक रहा। राष्ट्रपति बनने से पहले कलाम चार दशक तक वैज्ञानिक और विज्ञान प्रशासक रहे। उन्होंने मुख्य तौर पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में अपनी सेवाएं दीं।
वह भारत के असैन्य अंतरिक्ष कार्यम और सैन्य मिसाइल विकास प्रयासों से जुड़े रहे। उनके इस योगदान के चलते उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है।

मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति की एक प्रतिमा का अनावरण भी किया।

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प्रधानमंत्री ने राजधानी में डॉ. कलाम पर एक फोटो प्रदर्शनी का उदघाटन भी किया।

मोदी ने डॉक्टर कलाम के गांव में एक स्मारक बनाए जाने की घोषणा भी की।