प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान करने तथा दोनों देशों के बीच परस्पर संवाद को बढ़ावा देने के लिए 27 और 28 अप्रैल को साम्यवादी देश के वुहान शहर में एक अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने आज यह घोषणा की। वांग ने यहां के दौरे पर आईं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ बातचीत के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी मध्य चीन के इस शहर में आ रहे हैं।

उन्होंने कहा, “दोनों नेता उस रणनीति पर संवाद करेंगे जो दुनिया में एक सदी में हो रहे बदलाव से संबंधित होगा। साथ ही, वे चीन-भारत संबंधों के भविष्य के संबंध में दूरगामी व्यापक एवं रणनीतिक मामलों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।” स्वराज ने कहा, “अनौपचारिक शिखर सम्मेलन नेताओं के स्तर पर परस्पर संवाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, दूरगामी असर डालने वाले और व्यापकता के संदर्भ में द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।” सुषमा स्वराज वांग के साथ वार्ता के लिए और कल से शुरू होने जा रही आठ देशों के शंघाई सहयोग संगठन ( एससीओ ) के विदेश मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए चीन आई हैं।

जानकार सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि शी जिनपिंग और नरेंद्र मोदी के बीच यह एक अनौपचारिक शिखर बैठक होगी, जिस दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों के लिए नयी पहल की कोशिश करेंगे जो विभिन्न विवादों और मतभेदों के चलते तनावपूर्ण हो गए थे। वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी की यह चौथी चीन यात्रा होगी। वह 9 और 10 जून को क्गविंदाओ शहर में होने जा रहे एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भी चीन जाने वाले हैं।

मोदी और शी की शिखर बैठक से पहले दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय संवाद की श्रृंखला संपन्न हो चुकी है। इसकी शुरुआत पिछले साल दिसंबर में चीनी विदेश मंत्री वांग की भारत यात्रा से हुई थी। डोकलाम गतिरोध के बाद दोनों देशों के बीच यह पहला उच्च स्तरीय संवाद था। इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और उनके चीनी समकक्ष यांग जिशी के बीच मुलाकात हुई। इस साल के शुरू में विदेश सचिव विजय गोखले भी बीजिंग गए थे।
दोनों देशों के बीच 11 वें संयुक्त आर्थिक समूह की बैठक हो चुकी है।

हाल ही में उनके बीच पांचवीं रणनीतिक आर्थिक वार्ता भी हुई। दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के अधिकारियों के बीच भी बैठक हुई। आज सुषमा स्वराज और वांग के बीच हुई वार्ता में सीमा मामलों तथा सीमा के दूसरी ओर बहने वाली नदियों पर वर्किंग मैकेनिज्म मींटिंग और निरस्त्रीकरण पर भी चर्चा हुई।