पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लोकसभा में संविधान पर हो रही चर्चा पर अपने विचार रखे। पीएम ने संविधान निर्माता भीम राव अंबेडकर की जमकर तारीफ की।

पीएम ने अपने भाषण में क्‍या कहा?

भीम राव अंबेडकर ने अपने जीवन में अपमान सहे। इससे मन में बदले की भावना पैदा होती है। लेकिन पूरे संविधान की एक लाइन पर इसका असर नहीं दिखा।

भीम राव अंबेडकर के विचार और शिक्षा किसी भी वक्‍त की सभी पीढि़यों के लिए सच साबित होते हैं। बाबा साहब अंबेडकर ने सारा जहर पिया और अमृत हमारे लिए छोड़ गए।

अगर किसी को सरकार की आलोचना करनी है, उसका बचाव करना है या तटस्‍थ रहना है, सभी बाबा साहब अंबेडकर को कोट करते हैं।

इस सदन में एक तरफ ज्‍यादा लोग हैं, लेकिन उनको ये अधिकार नहीं कि वो अपनी बातें थोप दे।

भारत जैसे विस्‍तृत देश के लिए संविधान बनाना बेहद मुश्‍कि‍ल रहा होगा।

राजा महाराजा ने नहीं, जन जन ने इस देश को बनाया है। गरीब ने बनाया है।

बाबा साहेब के योगदान को हम नकार नहीं सकते।

हमें संविधान की ताकत और इसके महत्‍व के बारे में लोगों को लगातार जागरुक करते रहना होगा।

मुझे याद नहीं पड़ता कि किसी पीएम ने लालकिले से संबोधित करते हुए कहा हो कि यह देश आज जो कुछ भी है, उसमें आज तक की सभी सरकारों और पीएम का योगदान है।

26 नवंबर को संविधान दिवस मनाना 26 जनवरी की अहमियत को कम करना नहीं है।

इस चर्चा का स्‍प‍िरिट ‘मैं’ और ‘तू’ नहीं है, इस चर्चा का स्‍प‍िरिट ‘हम’ है।

कुछ लोगों की यह गलत धारणा है कि पीएम को आखिर में हल मामले पर बोलना होता है। मैं यहां बस किसी दूसरे सदस्‍य की तरह ही बोल रहा हूं।

मैं संविधान पर हुई इस बहस को लेकर उत्‍साह दिखाने और इसमें हिस्‍से लेने के लिए सभी सदस्‍यों को धन्‍यवाद देता हूं।