प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को आपदा जोखिम में कमी के प्रयासों की समीक्षा के लिए 10 सूत्री एजेंडे की रूपरेखा पेश की। पीएम मोदी ने कहा कि अब हमारे पास पूरी तरह से कार्यशील एक हिंद महासागर सुनामी चेतावनी प्रणाली है। साथ ही प्रधानमंत्री ने आपदाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया में अधिक से अधिक सामंजस्य की बात कही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विज्ञान भवन में आपदा जोखिम न्यूनीकरण सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। तीन दिन के इस सम्मेलन का मकसद आपदा जोखिम के बेहतर प्रबंधन का तौर तरीका ढूंढ़ना है। एशिया और प्रशांत क्षेत्र के 61 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।
पीएम मोदी का 10 सूत्री एजेंडा-
1.
सभी विकास क्षेत्र आपदा जोखिम प्रबंधन के सिद्धांतों को अपनाएं।
2.
गरीब परिवार से लेकर, एसएमई से लेकर एमएनसी तक रिस्क कवरेज की तरफ काम करें।
3.
आपदा जोखिम प्रबंधन में महिलाओं के नेतृत्व और अधिक से अधिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जाए।
4.
विश्व स्तर पर रिस्क मैपिंग में निवेश किया जाए।
5.
आपदा जोखिम प्रबंधन के प्रयासों की दक्षता बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का फायदा उठाया जाए।
6.
आपदा मुद्दों पर काम करने के लिए विश्वविद्यालयों का एक नेटवर्क तैयार किया जाए।
7.
सोशल मीडिया और मोबाइल टेक्नोलॉजी द्वारा दी गई सुविधाओं का उपयोग किया जाए।
8.
स्थानीय क्षमता और पहल पर निर्माण करें।
9.
किसी भी आपदा से सीखने का मौका नहीं गवाना चाहिए।
10.
आपदाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया में अधिक से अधिक सामंजस्य लाया जाए।
यहां देखें- पीएम मोदी का पूरा भाषण