आकाशवाणी पर मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 68वीं कड़ी में रविवार (30 अगस्त, 2020) को अपने विचार साझा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आमतौर पर ये समय उत्सव का होता है, जगह-जगह मेले लगते हैं, धार्मिक पूजा-पाठ होते हैं। कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग तो है, उत्साह भी है, लेकिन, हम सबको मन को छू जाए, वैसा अनुशासन भी है। बहुत एक रूप में देखा जाए तो नागरिकों में दायित्व का एहसास भी है। लोग अपना ध्यान रखते हुए, दूसरों का ध्यान रखते हुए, अपने रोजमर्रा के काम भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में हो रहे हर आयोजन में जिस तरह का संयम और सादगी इस बार देखी जा रही है, वो अभूतपूर्व है। गणेशोत्सव भी कहीं ऑनलाइन मनाया जा रहा है, तो, ज्यादातर जगहों पर इस बार इकोफ्रेंडली गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की गई है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत बारीकी से अगर देखेंगे, तो एक बात अवश्य हमारे ध्यान में आयेगी – हमारे पर्व और पर्यावरण। इन दोनों के बीच एक बहुत गहरा नाता रहा है। प्रकृति की रक्षा के लिए बरना को थारु समाज ने अपनी परंपरा का हिस्सा बना लिया है और सदियों से बनाया है। बिहार के पश्चिमी चंपारण में, सदियों से थारु आदिवासी समाज के लोग 60 घंटे के lockdown या उनके ही शब्दों में कहें तो ’60 घंटे के बरना’ का पालन करते हैं। बरना की शुरुआत में भव्य तरीके से हमारे आदिवासी भाई-बहन पूजा-पाठ करते हैं और उसकी समाप्ति पर आदिवासी परम्परा के गीत,संगीत, नृत्य जमकर के उसके कार्यक्रम भी होते हैं।
पीएम ने कहा किइन दिनों ओणम का पर्व भी धूम-धाम से मनाया जा रहा है। ये पर्व चिंगम महीने में आता है। इस दौरान लोग कुछ नया खरीदते हैं, अपने घरों को सजाते हैं, पूक्क्लम बनाते हैं, ओनम-सादिया का आनंद लेते हैं, तरह-तरह के खेल और प्रतियोगिताएं भी होती हैं। ओणम की धूम तो, आज, दूर-सुदूर विदेशों तक पहुँची हुई है। अमेरिका हो, यूरोप हो, या खाड़ी देश हों, ओणम का उल्लास आपको हर कहीं मिल जाएगा। ओणम एक International Festival बनता जा रहा है।
पीएम ने कहा कि आत्मनिर्भर app innovation challenge के results देखकर आप ज़रूर प्रभावित होंगे। काफी जाँच-परख के बाद, अलग-अलग category में, लगभग दो दर्जन Apps को award भी दिए गये हैं। इनमें एक App है, कुटुकी kids learning app. ये छोटे बच्चों के लिए ऐसा interactive app है जिसमें गानों और कहानियों के जरिए बात-बात में ही बच्चे math science में बहुत कुछ सीख सकते हैं। इसमें activities भी हैं, खेल भी हैं। इसी तरह एक micro blogging platform का भी app है। इसका नाम है कू – K OO कू । इसमें, हम, अपनी मातृभाषा में text, video और audio के जरिए अपनी बात रख सकते हैं, interact कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि एक app है Ask सरकार। इसमें chat boat के जरिए आप interact कर सकते हैं और किसी भी सरकारी योजना के बारे में सही जानकारी हासिल कर सकते हैं, वो भी text, audio और video तीनों तरीकों से । ये आपकी बड़ी मदद कर सकता है। एक और app है, step set go. ये fitness App है। आप कितना चले, कितनी calories burn की, ये सारा हिसाब ये app रखता है, और आपको fit रहने के लिये motivate भी करता है।।
‘मन की बात’ कार्यक्रम यहां सुनिए


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘मैं देश की युवा प्रतिभा से कहता हूं कि आप भारत में भी गेम्स बनाइए और भारत के भी गेम्स बनाइए। कहा भी जाता है ...तो चलो, खेल शुरू करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत अभियान में डिजिटल गेम्स हों या खिलौने का क्षेत्र, सबने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है और ये अवसर भी है।’’ मोदी ने कहा कि आज से 100 वर्ष पहले जब असहयोग आंदोलन शुरू हुआ तो गांधी जी ने कहा था कि यह आंदोलन देशवासियों में आत्मसम्मान और अपनी शक्ति का बोध कराने का एक प्रयास है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज जब हम देश को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहे हैं तो हमें पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना है। हर क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाना है। असहयोग आंदोलन के रूप में जो बीज बोया गया था, उसे अब आत्मनिर्भर भारत के वट वृक्ष में परिवर्तित करना हम सबका दायित्व है।’’
मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘खिलौनों के साथ हम दो चीजें कर सकते हैं। अपने गौरवशाली अतीत को अपने जीवन में फिर से उतार सकते हैं और अपने स्वर्णिम भविष्य को भी संवार सकते हैं।’’ मोदी ने बच्चों और युवाओं में कंप्यूटर गेम्स के बढ़ते प्रचलन की चर्चा करते हुए कहा कि आज इस प्रकार के जितने भी गेम्स होते हैं, उनका मजमून अधिकतर बाहरी होता है जबकि देश में ऐसे विचारों का समृद्ध इतिहास रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘अब सभी के लोकल खिलौनों के लिए वोकल होने का समय है। आइए, हम अपने युवाओं के लिए कुछ नए प्रकार के, अच्छी गुणवत्ता वाले खिलौने बनाते हैं। खिलौना वो हो जिसकी मौजूदगी में बचपन खिले भी, खिलखिलाए भी। हम ऐसे खिलौने बनाएं, जो पर्यावरण के भी अनुकूल हों।’’
आकाशवाणी पर मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 68वीं कड़ी में प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व खिलौना उद्योग सात लाख करोड़ रुपये से भी अधिक का है लेकिन इसमें भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है। इसी तरह कंप्यूटर गेम्स के मामले में भी बाहरी ताकतों का प्रभुत्व बना हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को स्टार्ट-अप एवं नए उद्यमियों से खिलौना उद्योग से बड़े पैमाने पर जुड़ने के साथ-साथ भारत में और भारत के ‘‘कंप्यूटर गेम्स’’ बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान में इन क्षेत्रों को बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में देश की सुरक्षा में सशस्त्र बलों के श्वान दस्ते के योगदान की जमकर सराहना की और लोगों से आग्रह किया कि यदि कुत्ते को पालने की उनकी योजना है तो वे भारतीय नस्ल का कुत्ता पालें।
पीएम मोदी ने कहा है कि इस बार खेती में काफी बढ़ोतरी हुई है। कोरोना कालखंड में देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ रहा है। किसानों ने कोरोना की कठिन परिस्थितियों में भी अपनी ताकत को साबित किया है। हमारे देश में इस बार खरीफ की फसल की बुआई पिछले साल के मुकाबले 7% ज्यादा हुई।
मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम के दौरान कहा कि हमारे किसानों ने कोरोना की इस कठिन परिस्थिति में भी अपनी ताकत को साबित किया है। हमारे देश में इस बार खरीफ की फसल की बुवाई पिछले साल के मुकाबले सात प्रतिशत ज्यादा हुई है।' उन्होंने कहा कि धान की रोपाई इस बार लगभग 10 प्रतिशत, दालें लगभग पांच प्रतिशत, मोटे अनाज लगभग तीन प्रतिशत, तिलहन लगभग 13 प्रतिशत और कपास की लगभग तीन प्रतिशत ज्यादा बुवाई की गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मन की बात कार्यक्रम में भारत के वीर सैनिकों के साथ सेना में इस्तेमाल होने वाले कैनाइन सोल्जर्स (आर्मी डॉग्स) का जिक्र किया। पीएम ने खासतौर पर सोफी और विद्या के बारे में बताया और कहा कि अगर देशवासी पालतू जानवर पालने के बारे में सोच रहे हैं, तो उन्हें देसी पालतुओं की तरफ ध्यान देना चाहिए। पढ़ें पूरी खबर...
पीएम ने कहा कि जब आज से सौ वर्ष पहले, असहयोग आंदोलन शुरू हुआ, तो गांधी जी ने लिखा था कि – असहयोग आन्दोलन, देशवासियों में आत्मसम्मान और अपनी शक्ति का बोध कराने का एक प्रयास है। असहयोग आंदोलन के रूप में जो बीज बोया गया था,उसे, अब, आत्मनिर्भर भारत के वट वृक्ष में परिवर्तित करना हम सब का दायित्व है। आज, जब हम देश को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहे हैं, तो, हमें, पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना है, हर क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीयों के innovation और solution देने की क्षमता का लोहा हर कोई मानता है और जब समर्पण भाव हो, संवेदना हो तो ये शक्ति असीम बन जाती है। करीब, 7 हजार entries आईं, उसमें भी, करीब-करीब दो तिहाई apps tier two और tier three शहरों के युवाओं ने बनाए हैं । ये आत्मनिर्भर भारत के लिए, देश के भविष्य के लिए, बहुत ही शुभ संकेत है। इस महीने की शुरुआत में, देश के युवाओं के सामने, एक app innovation challenge रखा गया। इस आत्मनिर्भर भारत app innovation challenge में हमारे युवाओं ने बढ़-चढ़कर के हिस्सा लिया। आप जरुर इन Apps के बारे में जाने और उनसे जुडें। हो सकता है आप भी ऐसा कुछ बनाने के लिए प्रेरित हो जायें।
मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि चिंगारी एप भी युवाओं के बीच काफी पॉपुलर हो रहा है। एक एप है आस्क सरकार। इसमें चैट बोट के जरिए आप इंटरेक्ट कर सकते हैं और किसी भी सरकारी योजना के बारे में सही जानकारी हासिल कर सकते हैं, वो भी टेक्स्ट, ऑडियो और वीडियो तीनों तरीकों से, ये आपकी मदद कर सकता है।
मन की बात मोदी ने कहा कि डॉग्स की आपदा प्रबंधन और रेस्क्यू मिशन में भी बहुत बड़ी भूमिका होती हैं। भारत में तो एनडीआरएफ ने ऐसे दर्जनों डॉग्स को स्पेशली ट्रेन किया है। कहीं भूकंप आने पर, इमारत गिरने पर, मलबे में दबे जीवित लोगों को खोज निकालने में ये बहुत एक्सपर्ट होते हैं। साथियों, मुझे यह भी बताया गया कि भारतीय नस्ल के डॉग्स भी बहुत अच्छे होते हैं, बहुत सक्षम होते हैं। पिछले कुछ समय में आर्मी, सीआईएसएफ, एनएसजी ने मुधोल हाउंड डॉग्स को ट्रेन्ड करके डॉग स्कवॉड में शामिल किया है, सीआरपीएफ ने कोंबाई डॉग्स को शामिल किया है। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च भी भारतीय नस्ल के डॉग्स पर रिसर्च कर रही है।
पीएम ने कहा कि कोरोना काल में संयम रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर ये समय उत्सव का होता है, जगह-जगह मेले लगते हैं, धार्मिक पूजा-पाठ होते हैं। कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग तो है, उत्साह भी है, लेकिन, हम सबको मन को छू जाए, वैसा अनुशासन भी है।
‘आत्मनिर्भर भारत’ में डिजिटल खेलों की भूमिका को अहम बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के युवा उद्यमियों से भारत में और भारत के ‘कंप्यूटर गेम्स’ बनाने का आह्वान किया। आकाशवाणी पर मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 68वीं कड़ी में प्रधानमंत्री ने इस आह्वान के क्रम में चीन का नाम तो नहीं लिया लेकिन लोगों को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ‘असहयोग आंदोलन’ की याद जरूर दिलाई और कहा कि इसका उद्देश्य देशवासियों में आत्मसम्मान और अपनी शक्ति का बोध कराना था। क्लिक कर पढ़िए पूरी खबर
पीएम ने कहा "मेरे प्रिय देशवासियो, देश आज जिस विकास यात्रा पर चल रहा है इसकी सफलता सुखद तभी होगी जब हर एक देशवासी इसमें शामिल हो, इस यात्रा का यात्री हो, इस पथ का पथिक हो.."
पीएम ने कहा कि कोरोना तभी हारेगा जब आप सुरक्षित रहेंगे, जब आप “दो गज की दूरी, मास्क जरुरी”, इस संकल्प का पूरी तरह से पालन करेंगे आप सब स्वस्थ रहिये, सुखी रहिये, इन्हीं शुभकामनाओं के साथ अगली ‘मन की बात’ में फिर मिलेंगे।"
बकौल पीएम पर्व और पर्यावरण के बीच अनोखा रिश्ता रहा है। किसानों ने कोरोना की इस कठित घड़ी में अपनी ताकत को साबित किया है। इस बार खेती में काफी बढ़ोतरी हुई है। मैंने देश के किसानों को इसके लिए बधाई देता हूं। कोरोना के कालखंड में देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ रहा है। अन्नदाता को नमन है, किसान को नमन है। हमारे किसानों ने कोरोना की कठिन परिस्थितियों में भी अपनी ताकत को साबित किया है। हमारे देश में इस बार खरीफ की फसल की बुआई पिछले साल के मुकाबले 7% ज्यादा हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' में कहा कि हमारे सुरक्षाबलों के दो जांबाज एक है सोफी और दूसरी विदा, सोफी और विदा Indian Army के श्वान हैं, Dogs हैं और उन्हें Chief of Army Staff ‘Commendation Cards’ से सम्मानित किया गया है, इन्हें यह सम्मान देश की रक्षा करते हुए अपना कर्तव्य बखूबी निभाने के लिए मिला। पीएम ने कहा कि Indian Breed के Dogs भी बहुत अच्छे होते हैं, बहुत सक्षम होते हैं, Indian Breeds में मुधोल हाउंड हैं, हिमाचली हाउंड है, ये बहुत ही अच्छी नस्लें हैं, अब हमारी सुरक्षा एजेंसियां भी इन dogs को अपने सुरक्षा दस्ते में शामिल कर रही हैं। उन्होंने कहा कि Indian Council of Agriculture Research भी भारतीय नस्ल के Dogs पर research कर रही है, मकसद यही है कि Indian breeds को और बेहतर बनाया जा सके, और उपयोगी बनाया जा सके, आत्मनिर्भर भारत, जब जन-मन का मन्त्र बन ही रहा है, तो कोई भी क्षेत्र इससे पीछे कैसे छूट सकता है।
पीएम ने कहा कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर कहते थे कि खिलौने ऐसे होने चाहिए, जो बच्चे की क्रिएटिविटी को सामने लाए। बच्चों के जीवन के अलग-अलग पहलू पर खिलौनों का जो प्रभाव है, इस पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी बहुत ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि मैं अपने स्टार्ट-अप मित्रों को, हमारे नए उद्यमियों से कहता हूं-Team up for toys…आइए, मिलकर खिलौने बनाएं। अब सभी के लिए लोकल खिलौनों के लिए वोकल होने का समय है। आइए, हम अपने युवाओं के लिये कुछ नए प्रकार के, अच्छी क्वालिटी वाले खिलौने बनाते हैं। आज जब हम देश को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहे हैं तो हमें पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना है, हर क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाना है, असहयोग आंदोलन के रूप में जो बीज बोया गया था,उसे अब आत्मनिर्भर भारत के वट वृक्ष में परिवर्तित करना हमसब का दायित्व है।
पीएम ने कहा कि देश में हो रहे हर आयोजन में जिस तरह का संयम और सादगी इस बार देखी जा रही है, वो अभूतपूर्व है, गणेशोत्सव भी कहीं ऑनलाइन मनाया जा रहा है, तो ज्यादातर जगहों पर इस बार इकोफ्रेंडली गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की गई है।
पीएम ने कहा कि हमारे किसानों ने कोरोना की इस कठिन परिस्थितियों में भी अपनी ताकत को साबित किया है, इस बार खरीफ की फसल की बुआई पिछले साल के मुकाबले 7% ज्यादा हुई है, धान की रुपाई इस बार लगभग 10%, दालें 5%, कपास 3 % ज्यादा बोई गई है, मैं इसके लिए देश के किसानों को बधाई देता हूँ।
ग्लोबल टॉय इंडस्ट्री 7 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक की है, लेकिन, भारत का हिस्सा उसमें बहुत कम है, जिस राष्ट्र के पास इतनी विरासत हो, परम्परा हो, युवा आबादी हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी इतनी कम होनी, हमें, अच्छा लगेगा क्या?: पीएम
पीएम ने कहा कि आज से 100 साल पहले असहयोग आंदोलन शुरू हुआ, तो गांधी जी ने लिखा था कि 'असहयोग आन्दोलन, देशवासियों में आत्मसम्मान और अपनी शक्ति का बोध कराने का एक प्रयास है' असहयोग आंदोलन के रूप में जो बीज बोया गया था,उसे अब आत्मनिर्भर भारत के वट वृक्ष में परिवर्तित करना हमसब का दायित्व है।
हमारे सुरक्षाबलों के दो जांबाज एक है सोफी और दूसरी विदा, सोफी और विदा Indian Army के श्वान हैं, Dogs हैं और उन्हें Chief of Army Staff ‘Commendation Cards’ से सम्मानित किया गया है, इन्हें यह सम्मान देश की रक्षा करते हुए अपना कर्तव्य बखूबी निभाने के लिए मिला।
पीएम मोदी ने कहा कि आज जब हम देश को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रहे हैं तो हमें पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना है, हर क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाना है, असहयोग आंदोलन के रूप में जो बीज बोया गया था,उसे अब आत्मनिर्भर भारत के वट वृक्ष में परिवर्तित करना हमसब का दायित्व है।
एक app है Ask सरकार, इसमें chat boat के जरिए आप interact कर सकते हैं और किसी भी सरकारी योजना के बारे में सही जानकारी हासिल कर सकते हैं, वो भी text, audio और video तीनों तरीकों से: प्रधानमंत्री
हमारे यहां के बच्चे, हमारे विद्यार्थी, अपनी पूरी क्षमता दिखा पाएं, अपना सामर्थ्य दिखा पाएं, इसमें बहुत बड़ी भूमिका न्यूट्रिशन की भी होती है, पोषण की भी होती है। पूरे देश में सितम्बर महीने को पोषण माह- Nutrition Month के रूप में मनाया जाएगा: पीएम
इस आत्मनिर्भर भारत ऐप इनोवेशन चैलेंज में हमारे युवाओं ने बढ़-चढ़कर के हिस्सा लिया। करीब, 7000 एंट्रीज आईं। उसमें भी करीब-करीब दो तिहाई ऐप tier 2 or tier 3 शहरों के युवाओं ने बनाए हैं। ये आत्मनिर्भर भारत के लिए, देश के भविष्य के लिए, बहुत ही शुभ संकेत है: पीएम
मैं अपने स्टार्ट-अप मित्रों को, हमारे नए उद्यमियों से कहता हूं-Team up for toys…आइए, मिलकर खिलौने बनाएं। अब सभी के लिए लोकल खिलौनों के लिए वोकल होने का समय है। आइए, हम अपने युवाओं के लिये कुछ नए प्रकार के, अच्छी क्वालिटी वाले खिलौने बनाते हैं: पीएम
गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर कहते थे कि खिलौने ऐसे होने चाहिए, जो बच्चे की क्रिएटिविटी को सामने लाए। बच्चों के जीवन के अलग-अलग पहलू पर खिलौनों का जो प्रभाव है, इस पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी बहुत ध्यान दिया गया है।
आमतौर पर ये समय उत्सव का होता है, जगह-जगह मेले लगते हैं, धामिर्क पूजा-पाठ होते हैं। कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग तो है, उत्साह भी है, लेकिन हम सबको मन को छू जाए , वैसा अनुशासन भी है। लोग अपना ध्यान रखते हुए अपने रोजमर्रा के काम भी कर रहे हैं।
किसानों कोरोना की इस कठित घड़ी में अपनी ताकत को साबित किया है। इस बार खेती में काफी बढ़ोतरी हुई है। मैंने देश के किसानों को इसके लिए बधाई देता हूं। कोरोना के कालखंड में देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ रहा है।
पीएम आज अपने संबोधन में अनलॉक-4, कोरोना संकट तथा बाढ़ से जूझ रहे देश के विभिन्न हिस्सों को लेकर बात कर सकते हैं। पिछली बार के कार्यक्रम के दौरान उन्होंने लोगों से कई तरह के आग्रह किए थे और कोरोना वॉरियर्स की भी जमकर प्रशंसा की थी।
पीएम मोदी ने मन की बात के 68 वें संस्करण के लिए लोगों को अपने इनपुट्स और विचारों को साझा करने के लिए कहा था। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर लोगों से कहा था कि वे नमो या MyGov App का उपयोग करके या 1800-11-7800 पर कॉल करके अपने संदेश रिकॉर्ड करा सकते हैं और अपने इनपुट्स भेज सकते हैं।
पीएम मोदी ने जुलाई में मन की बात में लोगों से कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ एकजुटता से लड़ने का आह्वान किया था। मोदी तब कोरोना के खिलाफ लोगों के एक साथ मिलकर लड़ने की तारीफ भी की थी।