प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी के पहले हफ्ते में लक्षद्वीप की यात्रा की थी। जिसके बाद लक्षद्वीप टूरिज्म को लेकर कई सोशल मीडिया ट्रेंड चले थे और देश की हस्तियों ने इस मुद्दे पर अपनी राय दी थी। सोशल मीडिया पर मालदीव को लेकर काफी बहस छिड़ गई थी। कई भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स ने टूरिज्म के मामले में मालदीव के बजाय लक्षद्वीप को तरजीह देने की बातें लिखी थीं। कई हवाई यात्राओं को लक्षद्वीप से कनेक्ट करने की चर्चा भी हुई थी। यहां सवाल यह है कि क्या लक्षद्वीप के टूरिज्म को क्या वाकई फायदा हासिल हुआ या नहीं?

इन हवाई आंकड़ों से समझिए तस्वीर

नागर विमानन महानिदेशालय-DGCA द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि 2,312 यात्रियों ने कोच्चि से अगत्ती तक यात्रा की है। यह आंकड़ा दिसंबर 2023 में उड़ान भरने वाले 2,253 यात्रियों की तुलना में थोड़ा ज्यादा था और जनवरी 2023 में यात्रा करने वालों के बराबर ही था जब 2,315 यात्रियों ने कोच्चि और अगत्ती के बीच यात्रा की थी। सीधे तौर पर यह कहा जा सकता है कि आंकड़ों में बहुत ज्यादा उछाल नहीं आया है।

अब सवाल यह है कि यात्रियों की संख्या क्यों नहीं बढ़ी? संख्या में बढ़ोतरी न होने का कारण यह भी है कि सिर्फ एक फ्लाइट की सुविधा होने से लोगों को लक्षद्वीप की यात्रा का मौका नहीं मिल पा रहा है।

इंडिगो ने अगत्ती के लिए उड़ानें ओपरेट करने में दिलचस्पी दिखाई है। इससे मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत में कोच्चि से अगत्ती के लिए उड़ानें दोगुनी होने की संभावना है। यह नई उड़ाने शुरू होने के बाद जो लोग लक्षद्वीप जाने में दिलचस्पी रखते हैं वह आसानी से अपनी यात्रा प्लान कर सकेंगे। फिलहाल यह ग्राफ नहीं बढ़ने का अहम कारण माना जा सकता है। इसके अलावा लक्षद्वीप यात्रा को लेकर महंगी फ्लाइट और खर्चे भी अहम कारण माने जा सकते हैं।