प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन के लिए आधारशिला रखी। इस मौके पर परंपरागत तौर पर भूमिपूजन किया गया। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि नई संसद की इमारत आत्मनिर्भर भारत का एक हिस्सा है। यह पहला मौका है जब आजादी के बाद संसद का निर्माण किया जा रहा है क्योंकि इससे पहले मौजूदा संसद का निर्माण 1921 में शुरू करवाया गया था। जब भारत अंग्रेजों के अधीन था। उम्मीद की जा रही है कि इमारत का उद्घाटन 2022 में किया जाएगा जब देश अपनी आजादी की 75वीं सालगिरह मनाएगा। पीएमओ ने कहा कि यह भवन नए भारत के सपनों को साकार करेगा।
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि आज हम एक मजबूत लोकतंत्र की दिशा में आगे बढ़े हैं। इस मौके का गवाह बनना 130 करोड़ भारतवासियों के लिए गर्व की बात है। पीएम मोदी ने 2014 को याद करते हुए कहा कि मुझे याद है जब मैं पहली बार संसद आया था। पीएम ने कहा कि सांसदों को हमेशा जवाबदेह होना जरूरी है। हमें तंत्र और तत्व दोनों के रास्ते पर चलना है। हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि आजादी के सौ साल बाद 2047 में भारत को कैसे देखेंगे।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्रियों सहित कई अहम शख्सियत मौजूद रहीं। कार्यक्रम में उपस्थित 200 मेहमानों में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी, शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह भी मौजूद रहे।
#WATCH Prime Minister Narendra Modi lays foundation stone of New Parliament Building in Delhi pic.twitter.com/gF3w7ivTDe
— ANI (@ANI) December 10, 2020
हम भारत के लोग, ये प्रण करें- हमारे लिए देशहित से बड़ा और कोई हित कभी नहीं होगा।
हम भारत के लोग, ये प्रण करें- हमारे लिए देश की चिंता, अपनी खुद की चिंता से बढ़कर होगी।
हम भारत के लोग, ये प्रण करें- हमारे लिए देश की एकता, अखंडता से बढ़कर कुछ नहीं होगा: PM
— PMO India (@PMOIndia) December 10, 2020
पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व लोकसभा स्पीकर और अलग-अलग दलों के नेता इस कार्यक्रम में उपस्थित दिखे। कार्यक्रम में 12 धर्मों से जुड़ी सर्वधर्म प्रार्थना की गई। कार्यक्रम में उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति द्वारा भेजे गए संदेश को पढ़ा।
गौरतलब है कि नए संसद भवन की लागत 971 करोड़ के आस-पास है। नए भवन में लोकसभा और राज्यसभा की भविष्य की जरूरतों को देखते हुए जगह उपलब्ध कराई गई है। एक अनुमान के मुताबिक नई संसद 1200 से ऊपर सांसदों के संयुक्त सत्र के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध कराएगी। लोकसभा स्पीकर ने आज भूमिपूजन के मौके पर कहा कि नई संसद आत्मनिर्भर भारत का मंदिर होगा।
नई इमारत में भारत की संस्कृति की झलक मिलेगी साथ ही साथ विविध स्थापत्य के नजारे भी देखने को मि्लेंगे। नई संसद की लोकसभा मौजूदा लोकसभा के तीन गुना होगी और राज्यसभा का आकार भी बड़ा होगा। बता दें कि नई बिल्डिंग बनाने का कॉन्ट्रैक्ट टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड को दिया गया है।