प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा से वापस लौटते समय इस महीने मिस्र जा सकते हैं। इस साल की शुरुआत में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी की गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर भारत यात्रा के बाद यह संभवाना और ज़्यादा बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इस यात्रा की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि दोनों देशों की ओर से यात्रा का खाका तैयार किया गया है। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक 24 जून की अपनी अमेरिकी यात्रा पूरी करने के बाद ही पीएम मोदी मिस्र लिए निकल जाएंगे।
जनवरी में भारत आए थे मिस्र के राष्ट्रपति
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी गणतंत्र दिवस समारोह के लिए भारत द्वारा मेजबानी करने वाले पहले मिस्र के नेता थे, हालांकि दोनों देशों ने पिछले दशकों में गहरे संबंध निभाए हैं। दोनों ही देश 1961 में गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के संस्थापक सदस्य से थे। अब्देल फतह अल-सिसी ने हाल के वर्षों में तीन बार भारत की यात्रा की है।
प्रधानमंत्री की इस यात्रा की संभावना बहुत ज़्यादा बढ़ जाती है। 2020 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मिस्र की एक तय-शुदा यात्रा कोविड -19 महामारी के कारण नहीं हो पाई थी। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर में सूत्रों के मुताबिक कहा गया है कि मिस्र के साथ बेहतर संबंध बनाए रखने के नजरिए से यह यात्रा होना तय माना जा रहा है।
अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को करेंगे संबोधित पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के आखिर में वाशिंगटन डीसी की अपनी यात्रा के दौरान अमेरिकी कांग्रेस की एक संयुक्त बैठक को संबोधित करने वाले हैं। सदन के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी ने 22 जून को प्रतिनिधि सभा और सीनेट की एक संयुक्त बैठक को संबोधित करने के लिए भारतीय पीएम को निमंत्रण दिया है। यह वाशिंगटन द्वारा किसी विदेशी नेता को दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मानों में से एक माना जाता है। प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन का विषय भारत के भविष्य और दोनों देशों के सामने आने वाली वैश्विक चुनौतियों से जुड़ा होगा।
प्रधानमंत्री मोदी के इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए केविन मैक्कार्थी ने ट्विटर पर लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी को गुरुवार, जून 22 को कांग्रेस की एक संयुक्त बैठक को संबोधित करने के लिए आमंत्रित करना मेरे लिए सम्मान की बात है”।