अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली भाभरा के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहजता के आज कायल हो गये, जब उन्होंने एक छोटे से आग्रह पर सरकारी औपचारिकताओं को दरकिनार करते हुये अपना काफिला रूकवाया और बोहरा समुदाय के लोगों का आत्मीय स्वागत कबूल किया । तगड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच मोदी का काफिला जब चंद्रशेखर आजाद नगर ‘पुराना नाम भाभरा’ की तंग गलियों से गुजरा, तो लोग प्रधानमंत्री की एक झलक पाने के लिए अपने घरों के बाहर खडे हो गये । इस बीच बोहरा समाज के कुछ लोगों ने मोदी के काफिले के आगे खड़े होकर उनके स्वागत में हाथ हिलाया और उनसे रूकने का अनुरोध किया ।मोदी ने इस अनुरोध को स्वीकारते हुये अपनी काले रंग की गाड़ी रूकवाई । वह गाड़ी से उतरे और बोहरा समुदाय की ओर से भेंट की गयी शॉल कबूल की ।

मोदी ‘70 साल आजादी.. याद करो कुर्बानी’ अभियान की शुरूआत के लिए आजाद की जन्मस्थली पहुंचे थे। उन्होंने भाभरा में आजाद के स्मारक पहुंचकर अमर शहीद को श्रद्धा सुमन अर्पित किये । मोदी, आजाद जन्मस्थली पहुंचने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री हैं । मध्यप्रदेश की मौजूदा भाजपा सरकार ने अमर शहीद के सम्मान में करीब 15,000 की आबादी वाले भाभरा कस्बे का नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद नगर कर दिया था । इसके साथ ही, उस झोंपड़ी को स्मारक में तब्दील कर दिया था जहां 23 जुलाई, 1906 को आजाद ने जन्म लिया था । मोदी के आगमन के मद्देनजर इस स्मारक को खास तौर पर सजाया गया था । इस स्मारक में आज दिनभर चहल-पहल बनी रही ।