PM CARES Fund का डाटा सरकार ने इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कर दिया है। इस डाटा के मुताबिक पीएम केयर्स फंड के शुरुआती पांच दिन में ही 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा का फंड इकट्ठा हो गया था। हालांकि सरकार ने वेबसाइट पर दी गई जानकारी में उसके बाद का डाटा साझा नहीं किया है। सरकारी आंकड़े के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2019-20 में पीएम केयर्स फंड के तहत कुल 3076.62 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। इसमें से 39.68 लाख रुपए विदेशी मुद्रा में मिले हैं।
पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट के तौर पर रजिस्टर्डः बता दें कि पीएम केयर्स फंड के अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं। वहीं रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री इस फंड के ट्रस्टी हैं। 27 मार्च, 2020 को रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 के तहत पीएम केयर्स फंड का ‘पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट’ के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराया गया था। पीएम केयर्स फंड का मुख्यालय संसद भवन के साउथ ब्लॉक में स्थित पीएम ऑफिस है। पीएम केयर्स फंड की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, इसमें से 3100 करोड़ रुपए विभिन्न गतिविधियों के लिए आवंटित किए जा चुके हैं।
यहां खर्च हुआ फंड का पैसाः पीएम केयर्स फंड में से 2000 करोड़ रुपए मेड इन इंडिया कार्यक्रम के तहत सरकारी अस्पतालों के लिए वेंटिलेटर्स की सप्लाई में इस्तेमाल किए गए हैं। इनके अलावा 1000 करोड़ रुपए प्रवासी मजदूरों के लिए विभिन्न राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए आवंटित किए जा चुके हैं। वहीं बाकी 100 करोड़ रुपए देश में कोरोना की वैक्सीन के डेवलेपमेंट में खर्च हुए हैं।
निजी ऑडिटर करेगा पीएम केयर्स फंड का ऑडिटः गौरतलब है कि पीएम केयर्स फंड का ऑडिट एक स्वतंत्र ऑडिटर द्वारा किया जाएगा। पीएम केयर्स फंड के ट्रस्टियों की दूसरी बैठक में, जो कि दी गई जानकारी के अनुसार, 23 अप्रैल 2020 को आयोजित हुई थी, उसमें, M/S SARC & Associates, Charted Accounts, नई दिल्ली को अगले तीन सालों के लिए पीएम केयर्स फंड का ऑडिटर बनाया गया है। हर वित्तीय वर्ष के अंत में पीएम केयर्स फंड का ऑडिट किया जाएगा।


बता दें कि पीएम केयर्स फंड के गठन के बाद से ही इसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। मुख्य विपक्ष पार्टी कांग्रेस भी इसके गठन पर सवाल उठा चुकी है। बीते दिनों पीएम केयर्स फंड की जानकारी के लिए कई आरटीआई भी दाखिल की गई थीं लेकिन सरकार ने यह कहकर इस बारे में जानकारी देने से इंकार कर दिया था कि यह ‘पब्लिक अथॉरिटी नहीं’ है। आरटीआई दाखिल करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता हर्ष कांदुकुरी ने पीएम केयर्स फंड की पारदर्शिता को लेकर चिंता जाहिर की थी।

