जिले के प्रशिक्षित प्लंबरों का एक जत्था ओमान में फंस गया है और उनके लिए यह एक ‘खौफनाक घड़ी’ है। इस घटना के बाद केंद्रपाड़ा के सांसद ने भारतीय दूतावास से अप्रवासी मजदूरों की सुरक्षित और जल्दी वापसी के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है। फंसे हुए प्लंबरों के परिजनों ने बताया कि अपने नियोक्ताओं के कथित तौर पर प्रताड़ित किए गए और बंधक बना कर रखे गए श्रमिक अरब के देश में फंसे हुए हैं। एक स्थानीय श्रमिक ठेकेदार के जरिए कम से कम सात प्रशिक्षित कामगार ओमान गए थे। अधिकारियों ने बताया कि फंसे हुए श्रमिक प्रदीप्ता प्रसाद घडई, प्रकाश घडई, श्रीकर मलिक, रबींद्र, निहार स्वैन, सारदा प्रसाद खटुआ और बिरंद्र घडई हैं।

फंसे हुए श्रमिक के रिश्तेदार राजेंद्र घडई ने बताया कि उनसे कहा गया था कि उन्हें प्लंबर का काम दिया जाएगा। हालांकि, वहां उतरने के बाद उन्हें एक ब्रेड बनाने वाले कारखाने में काम करने के लिए मजबूर किया गया और नौकरी दिए जाने के दौरान अच्छे वेतन दिए जाने के आश्वासन के विपरीत उन्हें बहुत कम पैसा दिया गया।

घडई ने बताया, ‘श्रमिकों को उनके नियोक्ताओं ने बंधक बना लिया। उन्होंने अपने कम वेतन के खिलाफ आवज उठाई। उन्हें दिन में 12 घंटों से ज्यादा कड़ी मेहनत करने के लिए विवश किया और उन्हें ऐसे कमरों में बंद करके रखा जाता है जहां पर मुश्किल से ही रोशनी आती है। आवाज उठाने पर नियोक्ताओं के गुर्गे उनकी पिटाई करते हैं’।