भारत और चीन के बीच पिछले करीब 4 महीनों से लद्दाख से लगी एलएसी पर तनातनी जारी है। दोनों देशों के बीच अब तक पांच बार सैन्य स्तर की वार्ता हो चुकी है। हालांकि, इसके बावजूद चीन अभी तक कई टकराव वाली जगहों से पीछे नहीं हटा है। इन इलाकों में लद्दाख का गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स और पैंगोंग सो का फिंगर इलाका शामिल है। ऐसे में चीन के अड़ियल रवैये से निपटने के लिए मोदी सरकार अब नई योजना पर काम कर रही है। बताया गया है कि भारत अब अपनी टुकड़ियों को उन जगहों पर ही रख रहा है, जहां पहले दोनों देशों के बीच पीछे हटने पर सहमति बनी थी।

मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के मुताबिक, चीन लगातार पैंगोंग सो पर फिंगर-4 इलाके में कब्जा किए हुए है। इससे चीन को फिंगर-3 से लेकर फिंगर-8 तक अपनी स्थिति मजबूत रखने में मदद मिल रही है। सैन्य बातचीत के बाद चीनी सेना ने अब तक सिर्फ फिंगर-4 की एक चोटी को ही छोड़ा है, लेकिन वह अभी भी यहां निचले इलाकों में जुटी है।

वहीं गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स एरिया में भी स्थितियां अलग नहीं हैं। यहां पीएलए उसी जगह पर मौजूद है, जहां से उसने घुसपैठ की थी। वह लगातार कुगरांग नदी तक आने की कोशिश कर रही है, जो कि श्योक नदी की ही सहायक है।

अधिकारियों के मुताबिक, चीन लगातार भारत से सीमा विवाद सुलझाने के लिए आधा रास्ता तय करने के लिए कह रहा है। चीन इसके जरिए भारत से चीन के विस्तार को मानने का दबाव बना रहा है। हालांकि, यह अस्वीकार्य है। इसी के चलते सरकार ने अब सेना को शांत तरीके से चीन का आमना-सामना करने के लिए तैनात कर दिया है। दरअसल, विशेषज्ञों का कहना है कि चीन को लगता है कि अगर वह तनाव वाले इलाकों से पीछे नहीं हटा, तो भारतीय सेना जल्दबाजी में उस पर कोई कार्रवाई कर सकती है और इससे उसे हालात को और बिगाड़ने का मौका मिल सकता है। हालांकि, भारत अब इस स्थिति को सावधानी से हल करने की कोशिश में लगा है।