भारतीय नौसेना ने उत्तरी अरब सागर में एक सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया। इसके बाद नौसेना की बहादुरी की हर ओर चर्चा हो रही है। दरअसल सोमालिया के तट पर नौसेना के जहाज को हाईजैक कर लिया गया था और 21 लोग फंसे हुए थे। इसके बाद आईएनएस चेन्नई ने लोकेशन को ट्रेस किया और सफल ऑपरेशन करते हुए जहाज को सुरक्षित वापस पा लिया।
लुटेरे भागे-भागे फिर रहे
लुटेरों को लगता था कि अब नौसेना आगे कुछ नहीं करेगी, लेकिन समुद्री डाकुओं की हवा निकल गई है। नौसेना उन सभी लुटेरों को ढूंढ रही है जिन्होंने भारतीय जहाज को हाईजैक किया था। बताया जाता है कि जब नौसेना के जवान बड़ी संख्या में हाईजैक हुई शिप के पास पहुंचे तो रात के समय लुटेरे वहां से भाग गए।
नौसेना के मार्कोज कमांडो को सूचना मिली थी कि जहाज पर हथियार से लैस 5-6 लोग सवार हैं। आईएनएस चेन्नई ने शुक्रवार को दोपहर बाद करीब 3:15 बजे अरब सागर में सोमालिया के तट के पास अगवा पोत को घेर लिया था। वहीं जवानों ने जहाज को चारों ओर से घेर समुद्री लुटेरों को जहाज को छोड़ने की चेतावनी दी। उसके बाद भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडो अगवा पोत पर उतरे और उसकी तलाशी ली तो कोई लुटेरा वहां मौजूद नहीं था।
भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा, ”ऐसा लगता है कि हमारे विमान और ड्रोन को जहाज के चारों तरफ सक्रिय देखकर समुद्री डाकू 4-5 जनवरी की रात में ही लिली नोरफोक से भाग गए थे।”
लेकिन अब नौसेना लुटेरों की खोज के लिए युद्धपोत, समुद्री गश्त विमान P8I, प्रेडेटर MQ9B ड्रोन और हेलीकॉप्टर भी समुद्र में तैनात कर दिए हैं। भारतीय नौसेना का युद्धपोत आईएनएस चेन्नई कार्गो शिप एमवी लीला के पास मौजूद भी है।
मार्कोज कमांडो के ऑपरेशन ने निभाई बड़ी भूमिका
जहाज पर मौजूद 21 लोगों को सुरक्षित बचाकर बाहर लाने में मार्कोज कमांडो के ऑपरेशन ने बड़ी भूमिका निभाई है। यह एक बड़ा कठिन ऑपरेशन माना जा रहा था, लेकिन कमांडो फोर्स मार्कोज ने इसे बड़ी आसनी से 24 घंटे के भीतर पूरा कर लिया।
