‘PIL वीर’ के नाम से मशहूर वकील मनोहर लाल शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए जुर्माना ठोक दिया है। एमएल शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने 50 हजार का जुर्माना लगाया है। शर्मा ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से वित्त मंत्री अरुण जेटली पर कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाए थे कि जेटली आरबीआई के रिजर्व कैपिटल को हड़पकर इसके जरिए निश्चित कंपनियों को लाभ पहुंचाना चाहते हैं।
ऐसा नहीं है कि एमएल शर्मा को पहली बार कोर्ट से फटकार मिली है। इससे पहले भी शीर्ष न्यायालय उन्हें बकवास पीआईएल दायर करने को लेकर डांट चुका है। मई, 2015 में भी कोर्ट ने उन्हें अमर्यादित और गैरजिम्मेदार आरोप लगाने को लेकर खरी-खोटी सुनाई थी। इस दौरान कोर्ट ने पूछा था कि क्यों नहीं उन्हें पीआईएल दाखिल करने से वंचित कर दिया जाए। उस दौरान जस्टिस खेहर की अध्यक्षता में 5 जजों की बेंच ने एमएल शर्मा के जजों की नियुक्ति के संबंध में बने नए कानून ‘नेशनल जूडिशल अपॉइंटमेंट कमिशन (NJAC) एक्ट’ के संबंध में आरोपों पर सुनवाई की थी। तब बेंच ने कहा था, “आप सोचते हैं कि आप किसी पर भी कहीं भी आरोप लगा सकते हैं। यह कोई राजनीतिक मंच नहीं है। आप बकवास बातें कर रहे हैं।”
इसके बाद अप्रैल, 2018 में भी सुप्रीम कोर्ट ने एक पीआईएल के संदर्भ में शर्मा को बुरी तरह डांट पिलाई थी। उस दौरान शर्मा ने उन्नाव रेप केस में पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे। शर्मा ने आरोप में कहा था कि मामले में शामिल विधायक, सांसद और मंत्री के प्रभाव की वजह से पुलिस एफआईआर नहीं दर्ज की गई। उस दौरान कोर्ट ने पूछा था कि क्रिमिनल केस में पीआईएल कैसे दाखिल की जा सकती है। इस दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की थी, ” क्या आपका कोई रिश्तेदार है जिसका बलात्कार किया गया हो।”