सियाचीन में आए बर्फीले तूफान और हिमस्खलन में 35 फीट नीचे बर्फ में दफन हो जाने के बावजूद एक सैनिक के जिंदा बचने के बाद सेना ने अपने जवानों को ऐसे प्राकृतिक आपदाओं से बेहतर ढंग से निपटने के लिए ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी है। इसी क्रम में जवानों को जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में लाइन ऑफ कंट्रोल के निकट बुधवार को यह ट्रेनिंग दी गई।
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#SiachenMiracle: लांस नायक हनमनथप्पा को बचाने के लिए सेना ने ऐसे चलाया था अभियान
बता दें कि लांस नायक हनमनथप्पा को हादसे के पांच दिन बाद जिंदा बचाया गया। जानकार मानते हैं कि सियाचीन में करीब 20 हजार फीट की ऊंचाई पर बेहद प्रशिक्षित बचावकर्ता भी 30 मिनट से ज्यादा लगातार बचाव अभियान नहीं चला पाते। ऐसे में वहां से एक सैनिक को बचाकर लाना किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा। सैनिकों की ट्रेनिंग इसलिए भी जरूरी है क्योंकि सियाचीन में ज्यादातर सैनिकों की मौत जंग से नहीं, बल्कि खराब मौसम की वजह से होती है।
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— ANI (@ANI_news) February 10, 2016
Indian Army soldiers being trained fr avalanche rescue in high altitude near LoC,Gulmarg,J&K after #SiachenAvalanche pic.twitter.com/DILLPQcqFq — ANI (@ANI_news) February 10, 2016
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