शुक्रवार (19 मई) को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बड़े फैसले के तहत 2000 के नोट को चलन से बाहर कर दिया है। हालांकि नोट अभी लीगल टेंडर बना रहेगा। आरबीआई ने बताया है कि नोट 30 सितंबर तक बैंक में बदलवाया जा सकता है। आज शाम आई इस खबर के बाद अब राजनीतिक प्रीतिक्रिया भी सामने आ रही है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार पर तंज कसते हुआ कहा कि 8 नवंबर 2016 का भूत एक बार फिर देश को डराने आ गया है। भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा है कि विपक्ष लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है।

अब तक सामने आए बयान

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्वीट करते हुए लिखा, “8 नवंबर 2016 का भूत एक बार फिर देश को डराने आ गया है, विमुद्रीकरण का बहुप्रचारित कदम इस देश के लिए एक बड़ी आपदा बना हुआ है। पीएम ने 2000 के नए नोटों के फायदों पर देश उपदेश दिया था, आज जब छपाई बंद है तो उन सभी वादों का क्या हुआ? सरकार को इस तरह के कदम के लिए अपनी मंशा स्पष्ट करनी चाहिए। सरकार अपने जनविरोधी और गरीब विरोधी एजेंडे को जारी रखे हुए है। आशा है कि मीडिया इस तरह के कठोर उपाय पर सरकार से सवाल करेगा और इसे दुनिया में ‘चिप की कमी’ के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराएगा”

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा, “पहले बोले 2000 का नोट लाने से भ्रष्टाचार बंद होगा। अब बोल रहे हैं 2000 का नोट बंद करने से भ्रष्टाचार ख़त्म होगा इसीलिए हम कहते हैं, PM पढ़ा लिखा होना चाहिए। एक अनपढ़ पीएम को कोई कुछ भी बोल जाता है। उसे समझ आता नहीं है। भुगतना जनता को पड़ता है”

चिदंबरम का बयान

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, 2000 रुपये का नोट कभी भी क्लीन नोट नहीं था। इसका उपयोग अधिकांश लोगों द्वारा नहीं किया गया था। इसका उपयोग लोग केवल अपने काले धन को अस्थायी रूप से रखने के लिए करते थे!

उन्होने आगे लिखा, “उम्मीद के मुताबिक, सरकार/आरबीआई ने 2000 रुपए के नोट वापस ले लिए हैं और नोटों को बदलने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया है। 2000 रुपये का नोट लेनदेन का शायद ही एक लोकप्रिय माध्यम है, हमने नवंबर 2016 में यह कहा था और हम सही साबित हुए हैं.. 2 हजार रुपये का नोट नोटबंदी के 500 और 1000 हजार रुपये के नोट को बंद करने के मूर्खतापूर्ण निर्णय को छिपाने के लिए लाया गया था. जबकि इस दौरान 500 और 1000 नोट लेन-देन का प्रसिद्ध माध्यम था.जो लोकप्रिय और व्यापक रूप से विनिमय मुद्राएं थीं…

उन्होने आगे लिखा, “विमुद्रीकरण के कुछ सप्ताह बाद सरकार/RBI को 500 रुपये के नोट को फिर से पेश करने के लिए मजबूर होना पड़ा था, मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर सरकार/RBI न1000 रुपये के नोट को भी फिर से पेश कर दे, नोटबंदी का दौर आ गया है”