रोहिंग्याओं को लेकर आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और तेलगु फिल्म अभिनेता पवन कल्याण ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि साल 2017-18 में इस मामले को लेकर उन्हें कई शिकायतें मिलीं। कल्याण ने बताया कि बंगाल से आंध्र प्रदेश में आकर अवैध घुसपैठ करने वालों की वजह से यहां के लोगों का रोजगार छीन रहा है। इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी खतरा बना हुआ है। ये देश के लिए चिंता का विषय है।
मीडिया से बात करते हुए पवन कल्याण ने कहा, “बंगाल से आंध्र प्रदेश में आकर नौकरी करने वाले लोगों के बारे में साल 2017 और 2018 में मुझे कई शिकायतें मिलीं। खास तौर पर सुनार समुदाय से शिकायती मिली। ऐसी जानकारी है कि इनमें से ज्यादातर म्यांमार से हैं। रोहिंग्याओं से चिंता सिर्फ स्थानीय लोगों को रोजगार छीने जाने की नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की भी है। उन्हें आधार कार्ड और राशन कार्ड कैसे मिल रहे हैं?”
दक्षिण को निशाना बने रहे – कल्याण
उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इस बारे में आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों जगहों पर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसरों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। पवन ने कहा कि यह सभी समुदायों की साझा चिंता है। देश पहले से ही अपने लोगों के लिए पर्याप्त रोजगार पैदा करने में चुनौतियों का सामना कर रहा है। हम अवैध रूप से प्रवेश करने वालों को अपने देश में मौजूद सीमित अवसरों को छीनने की अनुमति नहीं दे सकते।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि रोहिंग्याओं ने बड़े आराम से दक्षिण को निशाना बनाया है। कोयंबटूर और हैदराबाद जैसे शहरों में पहले ही हम धमाका देख चुके हैं। उन्होंने काकीनाडा पोर्ट को लेकर भी खतरे की जानकारी डीजीपी को दी थी। जिसके बाद तेलंगाना और आंध्र प्रदेश पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में एक संदिग्ध पकड़ा गया।
इसके साथ ही पवन कल्याण ने सरकार और प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए। जबकि अवैध घुसपैठ को लेकर ठोक कदम उठाना आवश्यक है।
