लंबे समय तक चले सीमा विवाद के बाद भारतीय सैनिकों ने डेमचोक इलाके में गश्त फिर से शुरू कर दी है। इससे पहले पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर डेमचोक और डेपसांग में टकराव वाले बिंदुओं पर दोनों ही देशों के बीच सीमा विवाद को सुलझा लिया गया था। भारतीय सेना के हवाले से कहा गया है कि डेमचोक इलाके में शुक्रवार से गश्त शुरू हो गई है और जल्द ही डेपसांग के इलाकों में भी भारत के जवान गश्त करने लगेंगे।
याद दिलाना होगा कि जून, 2020 में दोनों देशों के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारत के 20 जांबाज जवानों ने शहादत दी थी जबकि चीन के चार जवान मारे गए थे। हालांकि इस तरह की खबरें आई थी कि हिंसक झड़प में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के 40 सैनिकों की मौत हुई थी और उसने मरने वाले जवानों का सही आंकड़ा छिपाया था।
भारत और चीन ने बीते दिनों सीमा पर चल रहे विवाद को खत्म करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए थे। गलवान की झड़प के बाद पिछले चार सालों में कूटनीतिक, राजनयिक, सैन्य वार्ताओं का दौर चला था और माना जा रहा है कि अब दोनों देशों के संबंधों में चला आ रहा तनाव खत्म होगा।
मई, 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीनी घुसपैठ का पता चलने के बाद दोनों देशों के रिश्ते बेहद खराब हो गए थे और इसके बाद एलएसी पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव शुरू हो गया था।
दीपावली के मौके पर दी थी मिठाइयां
LAC पर टकराव वाले बिंदुओं पर डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों देशों के सैनिकों ने दीपावली के मौके पर एक-दूसरे को मिठाइयां भी दी थीं। डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया के दौरान दोनों ही देशों ने सेना की ओर से बनाए गए अस्थायी निर्माणों को हटा दिया था।
दोनों देशों के बीच डिसइंगेजमेंट को लेकर यह समझौता इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन डेपसांग के इलाके से हटने के लिए तैयार नहीं दिख रहा था हालांकि टकराव वाले अन्य बिंदुओं पीपी 14 (गलवान घाटी), पीपी 15 (हॉट स्प्रिंग्स), पीपी 17 ए (गोगरा), पैंगोंग त्सो के उत्तर और दक्षिण इलाके से हटने के लिए वह तैयार था।
डिसइंगेजमेंट की पूरी प्रक्रिया तीन चरणों में चली थी। इसमें सीमा वाले इलाकों से दोनों देशों के सैनिकों की वापसी, दोनों ओर से तनाव कम करना और सैनिकों को वापस बुलाना शामिल था। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग शियाओगांग ने बीजिंग में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा था कि चीन और भारत कूटनीतिक और सैन्य वार्ताओं के बाद सीमा के इलाकों से जुड़े मुद्दों के समाधान पर पहुंच गए हैं।
