पठानकोट एयर फोर्स बेस पर हमले से ठीक पहले अगवा किए गए गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह उऩके ड्राइवर से एनआइए ने पूछताछ की है। सबसे पहले आतंकियों ने सलविंदर सिंह को ही उनकी गाड़ी के साथ अगवा किया था।
पठानकोट एयर फोर्स बेस पर हमले से ठीक पहले अगवा किए गए गुरदासपुर के एसपी सलविंदर सिंह, उनकी कार ड्राइव कर रहे राजेंदर वर्मा और कुक मदन गोपाल ने मीडिया को जो बातें बताई हैं, उससे उनके साथ हुई ज्यादती का पता चलता है। साथ ही यह भी कि पुलिस को एक दिन पहले ही बेस पर होने वाले हमले की साजिश के बारे में आगाह कर दिया गया था।
एसपी सलविंदर सिंह ने बताया: नए साल के मौके पर मैं ख्वाजा साहब के दरबार में मत्था टेकने जा रहा था, वाया कटुआ गए। गुरदासपुर से सवा नौ, साढ़े नौ बजे, हम निकले। उसके बाद हम गांव में चले गए। वहां से साढ़े 11 बजे, 12 बजे हम निकले। तारागढ़ होते हुए हमें गुरदासपुर आना था। हम पहली बार उस रास्ते से गए थे। हम कोनिया मोड़ पर पहुंचे थे, तो वहां चार-पांच आदमी एके-47 लिए हुए थे, मिलिट्री की वर्दी पहने थे। उन्होंने हमें एकदम रोक लिया। वो बोल रहे थे पीछे हटो, पीछे हटो। मेरा कुक पीछे बैठा था। मुझे और गाड़ी चला रहे राजेश वर्मा को नीचे बिठा दिया और ऊपर से लात रखके वो बोले, अगर आपने कोई बात की तो गोली मार देंगे। उन्होंने मुझे लात मारी और सिर के ऊपर गन लगा दी। वे उर्दू में पाकिस्तान किसी से बात कर रहे थे। इस बीच गाड़ी चलती रही, वे हमें करीब 40 से 45 मिनट तक घुमाते रहे और फिर चलती कार से फेंक दिया। काफी देर पड़े रहने के बाद मैंने थोड़ी हिम्मत की। किसी तरह अपने हाथ खोले, मुंह से पट्टी हटाई। देखा तो थोड़ी दूर पर मेरा लांगरी (कुक) भी पड़ा था। उसके भी हाथ खोले। फिर हम भागे। एक नाले के पास हमें गाड़ी की लाइट दिखी। हमने पहले सोचा कि उसे रुकवाएं। लेकिन फिर लगा पता नहीं वे रोकेंगे या नहीं। हम सड़क किनारे छिप गए। गाड़ी गुजर गई, बाद में पता चला कि उसमें वही आतंकी थे। वे हमें वापस पकड़ने आए थे, क्योंकि उन्हें पता चल गया था कि कार एसपी की थी। इस बीच हम एक गांव में गए। कई दरवाजों पर दस्तक दी, लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला। एक घर में दरवाजा नहीं था तो हम उसमें घुस गए। उन्होंने हमें चाय पिलाई और आग जलाई। वहीं से मैंने फोन किया।
कुक मदन गोपाल: आतंकियों ने मुझे और साहब को बंदूक की बट्ट से खूब मारा। उन्होंने मुझे धमकी दी कि अगर तुम हमारे साथ ठीक रहोगे, तो हम भी तुम्हारे ठीक रहेंगे। उन्होंने एसपी से दो फोन भी छीन लिए थे। हम चुपचाप बैठ गए थे। एक आदमी साहब के ऊपर बैठा था और दूसरा मेरे ऊपर बैठा था।
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