एयर इंडिया के विमान (Air India flight) में सवार एक यात्री ने क्रू मेंबर्स के साथ गलत व्यवहार किया और उनके ऊपर हाथ उठाया। वहीं इस घटना के बाद एयरलाइन ने आरोपी व्यक्ति को एयरपोर्ट पर सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया। घटना एयर इंडिया के विमान AI 882 में हुई। शिकायत के अनुसार इस घटना में यात्री ने चालक दल के सदस्यों के साथ अपशब्दों का प्रयोग किया और फिर उनमें से एक पर शारीरिक हमला किया।
एयर इंडिया के बयान के मुताबिक दिल्ली हवाईअड्डे पर उतरने के बाद यात्री ने अकारण, आक्रामक व्यवहार जारी रखा और फिर उसे सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया गया। एयरलाइन के प्रवक्ता ने बयान में कहा, “29 मई को हमारी उड़ान AI882 पर एक यात्री ने अनियंत्रित तरीके से व्यवहार किया। उस यात्री ने चालक दल के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार किया और फिर उनमें से एक पर शारीरिक हमला किया। दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने पर यात्री का आक्रामक व्यवहार जारी रहा और फिर उसे सुरक्षा कर्मियों को सौंप दिया गया। हमने इस घटना की सूचना नियामक को भी दी है।”
10 अप्रैल को भी हुई थी एक ऐसी ही घटना
एयर इंडिया की फ्लाइट में दो महीने में इस तरह की यह दूसरी घटना है। एक यात्री द्वारा दुर्व्यवहार की आखिरी घटना 10 अप्रैल को दर्ज की गई थी। एयर इंडिया ने 10 अप्रैल को दिल्ली-लंदन की उड़ान पर दो महिला केबिन क्रू सदस्यों को शारीरिक नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति पर दो साल के लिए उड़ान प्रतिबंध लगा दिया था।
दिल्ली पुलिस ने यात्री के खिलाफ मामला दर्ज किया था। एयर इंडिया के केबिन क्रू सुपरवाइजर की शिकायत पर पंजाब के 25 वर्षीय जसकीरत सिंह पड्डा के खिलाफ शिकायत हुई थी। इस घटना के संबंध में एयर इंडिया द्वारा एक आंतरिक समिति का गठन किया गया था, जिसने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि वह व्यक्ति किसी नरमी के लायक नहीं है और उस पर दो साल की अवधि के लिए एयरलाइन के साथ उड़ान भरने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
क्या कहते हैं नियम?
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के नियमों में गलत व्यवहार करने वाले यात्री को तीन लेवल में वर्गीकृत करने का प्रावधान है और ऐसे लोगों को अलग-अलग अवधि के लिए उड़ान प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है। शारीरिक इशारों, मौखिक उत्पीड़न और अनियंत्रित शराब जैसे अनियंत्रित व्यवहार को लेवल 1 के रूप में वर्गीकृत किया गया है जबकि शारीरिक रूप से अपमानजनक व्यवहार जैसे धक्का देना, लात मारना या यौन उत्पीड़न को लेवल 2 के रूप में वर्गीकृत किया गया है। वहीं जानलेवा हमले को लेवल 3 माना जाता है। अनियंत्रित व्यवहार के स्तर के आधार पर, संबंधित एयरलाइन द्वारा गठित एक आंतरिक समिति यह तय कर सकती है कि किसी अनियंत्रित यात्री को उड़ान भरने से कितने समय के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है।