चुनाव आयोग ने देशभर के लगभग 255 राजनैतिक दलों को ‘डीलिस्ट’ कर दिया है। उसमें से एक पार्टी का नाम ‘अखील भारतीय जनता विकास पार्टी’ है। उसका एड्रेस साउथ दिल्ली की डीडीए कॉलोनी में बने के एवरेस्ट अपार्टमेंट का दिया गया था। इंडियन एक्सप्रेस पार्टी की पड़ताल करने के लिए उस पते पर गया। वहां जया बला करुनिया नाम की एक 70 साल की महिला मिलीं। जया ने बताया कि वह पार्टी उन्हीं की और उन्होंने कई बार चुनाव भी लड़ा है। जया ने पार्टी की शुरुआत लाल कृष्ण आडवाणी को हराने के लिए की थी लेकिन बाद में वह अपनी पार्टी बंद करके खुद बीजेपी में आ गईं। फिलहाल जया ने राजनीति छोड़ दी है लेकिन वह पीएम मोदी का अब भी सपोर्ट करती हैं।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए जया ने कहा, ‘मैंने 1993 में पार्टी बनाई थी और फिर नई दिल्ली से लाल कृष्ण आडवाणी के खिलाफ चुनाव लड़ा। मैं हार गई लेकिन मुझे दो हजार से ज्यादा वोट मिले थे। मैंने वह पूरा चुनाव अपने पैसों पर लड़ा था।’ जया ने बताया कि उन्होंने यूपी में डीपी यादव के खिलाफ भी चुनाव लड़ा था। उस बात का जिक्र करते हुए जया ने कहा, ‘मैं 1995 में यूपी में रही और अपने तीन फ्लेटों में से एक को वहां के दंगरोली गांव में पुल बनवाने के लिए बेच दिया। वह जगह गजरौला से 25 किलोमीटर दूर है। फिर 1996 में मैंने चुनाव लड़ा। मुझे 25 हजार वोट मिले थे। वह गांव मुझे बहुत प्यार करता है।’
तीन फ्लैट खरीदने के पैसे कहां से आए इस सवाल पर जया ने बताया कि वह अपने पति के साथ अरब देशों में भी रही थीं। लगभग सात साल वहां पैसे कमाने के बाद वह वापस भारत आई और दिल्ली में तीन फ्लैट खरीदे। दूसरा फ्लैट उन्होंने अपने एक दोस्त को दे दिया है और तीसरे में वह खुद रह रही हैं।
जया ने तुकलकाबाद से बीजेपी के रमेश बिधूड़ी के खिलाफ भी चुनाव लड़ा था। जया के मुताबिक यूपी में ‘अच्छा प्रदर्शन’ कर वह बीजेपी की नजरों में आ गई थीं। फिर 1997 में जया ने बीजेपी ज्वाइन करके अपनी पार्टी को बंद कर दिया। हालांकि, चुनाव आयोग अब भी उन्हें नोटिस भेजता रहता है। जया ने बताया कि उन्होंने चुनाव आयोग को बता दिया है कि उन्होंने पार्टी बंद कर दी है लेकिन उनकी तरफ से फिर भी नोटिस भेजे जाते रहते हैं। लेकिन अब जया भी उन नोटिस की तरफ ध्यान नहीं देतीं।
