संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। इस सत्र में कई अहम बिल पेश किए जाएंगे। इस बार का तो संसद का विशेष सत्र भी खास रहा था जिसमें ना सिर्फ नई संसद भवन का उद्घाटन हुआ, बल्कि महिला आरक्षण बिल को भी पूर्ण बहुमत के साथ पारित करवा दिया गया। अब शीतकालीन सत्र के लिए भी सरकार के पास कई अहम बिल हैं जिन पर चर्चा भी होने जा रही है और उन्हें पारित भी करवाया जा सकता है।
कौन से बिल होंगे पेश?
ये सत्र कुल 19 दिनों तक चलने वाला है और कुल 15 बैठकें होंगी। इस दौरान सबसे अहम तो आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले तीन प्रमुख विधेयकों को माना जा रहा है जिस पर पिछले सत्र के दौरान भी चर्चा हुई थी। संसद की एक कमेटी ने इन विधेयकों पर काफी मंथन भी कर रखा है और सभी ने अपनी राय रखी है। इसके अलावा मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर भी एक बिल पेश किया जा सकता है।
यूसीसी को लेकर कोई चर्चा?
उस विधेयक के मुताबिक मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों का दर्जे को कैबिनेट सचिव के बराबर कर दिया जाएगा। अभी के लिए विपक्ष के कई नेताओं को इस विधेयक से भी दिक्कत है और इसका विरोध किया गया है। वैसे अभी तक यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आ रही है, सरकार कब तक इसे पेश करेगी,कोई स्पष्टता नहीं।
खास था विशेष सत्र
पहले कहा गया था कि संसद के विशेष सत्र के दौरान उस बिल को पेश किया जा सकता था, लेकिन तब ऐसा नहीं हुआ। माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान ये एक बड़ा मुद्दा साबित हो सकता है। इस पर कांग्रेस ने अपना स्टैंड क्लियर नहीं किया है क्योंकि अभी तक सरकार द्वारा कोई ड्रॉफ्ट पेश नहीं किया गया है।