ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में चर्चा जारी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज राज्यसभा में अपने भाषण की शुरुआत की। वहीं, शाम को गृहमंत्री अमित शाह ने भी राज्यसभा में सरकार का पक्ष रखा। इस दौरान विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया और पीएम मोदी के राज्यसभा में जवाब देने की मांग की। जिसका जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ने तय किया था कि चर्चा जितनी आप चाहोगे उतनी होगी लेकिन जवाब कौन देगा ये सरकार तय करेगी।
पीएम मोदी ने विपक्ष को दिया करारा जवाब: प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि किसी भी देश ने हस्तक्षेप करके भारत को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमले करने से नहीं रोका। उन्होंने कहा कि भारत ने अपने 100 पर्सेंट लक्ष्य हासिल करने के बाद अपना आक्रमण रोक दिया और भविष्य में पाकिस्तान द्वारा कोई भी कोशिश करने पर उसे निर्णायक जवाब देने की चेतावनी दी। साथ ही, उन्होंने कांग्रेस पर पाकिस्तानी दुष्प्रचार में शामिल होने का आरोप भी लगाया।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के युद्धविराम और टैरिफ पर बयान पर लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “स्पष्ट है, प्रधानमंत्री ने यह नहीं कहा है कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं। सभी जानते हैं कि वह बोल नहीं पा रहे हैं। यही हकीकत है। अगर पीएम मोदी बोलेंगे, तो वह (डोनाल्ड ट्रंप) खुलकर बातें कहेंगे और पूरा सच सामने रखेंगे, इसीलिए वह (पीएम मोदी) बोल नहीं पा रहे हैं।”
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “जब ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, तो कई देश यह जानने के लिए हमसे संपर्क में थे कि स्थिति कितनी गंभीर है और यह कब तक चलेगा। हमने सभी देशों को एक ही संदेश दिया कि हम किसी भी मध्यस्थता के लिए तैयार नहीं हैं। हमारे और पाकिस्तान के बीच कोई भी समझौता केवल द्विपक्षीय होगा और हम पाकिस्तानी हमले का जवाब दे रहे हैं और देते रहेंगे। अगर यह लड़ाई रुकनी है, तो पाकिस्तान को अनुरोध करना होगा। और यह अनुरोध केवल डीजीएमओ के माध्यम से ही आ सकता है।”
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “तहव्वुर राणा, जो 26 वर्षों से वांटेड था, को अंततः मोदी सरकार द्वारा वापस लाया गया और आज वह इस देश में मुकदमों का सामना कर रहा है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा में दिए गए भाषण पर राजद सांसद मनोज झा ने कहा, “प्रधानमंत्री अस्पष्ट शब्दों में क्यों बोल रहे हैं? वह किसी का नाम क्यों नहीं ले रहे हैं?… क्या हो रहा है? डोनाल्ड ट्रंप ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं? और प्रधानमंत्री मोदी ने उनका नाम तक नहीं लिया।”
विदेश मंत्री एस जयशंकर कहते हैं, “2007 में हैदराबाद में 44 लोग मारे गए। 2008 में 26/11 का मुंबई हमला हुआ। 2008 में जयपुर में 64 लोग मारे गए। दिल्ली में, मैं दिल्ली से हूं और मुझे 2008 का बम धमाका याद है। हम इसकी एक श्रृंखला से गुज़रे। मैं सदन को याद दिला रहा हूँ क्योंकि जब बड़ी आतंकवादी घटनाएं होती हैं, तो दुनिया देखती है कि भारत कैसे प्रतिक्रिया देता है। जुलाई 2006 में मुंबई ट्रेन बम विस्फोट के बाद, सितंबर में, तीन महीने के भीतर हमने हवाना में एक बैठक की। पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराने के बजाय, हमने कहा कि हम सभी प्रकार के आतंकवाद की निंदा करते हैं। वैसे, हम अपनी समग्र वार्ता फिर से शुरू करेंगे।”
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को राज्यसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित करके नेहरू की नीतियों की गलतियों को सुधारा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर कहते हैं, “तत्कालीन प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि हम यह संधि (सिंधु जल संधि) इसलिए करें क्योंकि भारत सरकार को पाकिस्तानी पंजाब के हितों को ध्यान में रखना चाहिए। कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के किसानों के हितों के बारे में एक शब्द भी नहीं। अब वे ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि लोग कह रहे हैं, हमें लगा कि इन परिस्थितियों में यही सही समझौता है। हमने शांति खरीदी है और यह दोनों देशों के लिए अच्छा है। 1960 में उन्होंने कहा था कि हमने शांति खरीदी है। हमने शांति नहीं खरीदी, हमने तुष्टिकरण खरीदा है क्योंकि एक साल के अंदर ही उसी प्रधानमंत्री ने स्वीकार कर लिया कि पाकिस्तान के साथ शांति नहीं है।”
सिंधु जल संधि पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “सिंधु जल संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना पूरी तरह से बंद नहीं कर देता। खून और पानी साथ-साथ नहीं बहेंगे।”
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर दूसरे दिन की चर्चा दोपहर 12 बजे शुरू की। विदेश मंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए नागरिकों पर शोक व्यक्त करते हुए की।
भाजपा सांसद रवि किशन कहते हैं, “प्रधानमंत्री मोदी के कल के भाषण के बाद विपक्ष को अब बिहार चुनाव में अपनी हार नज़र आ रही है। देश और भी मज़बूत हो गया है, और लोगों को प्रधानमंत्री मोदी पर भरोसा है। लोगों को एहसास हो गया है कि आखिरकार हमारे पास एक ऐसा प्रधानमंत्री है जो जो कहता है वो करता है।”
SIR मुद्दे पर विपक्ष के विरोध पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “जो लोग संविधान को हाथ में लेकर घूमते हैं, वही संवैधानिक व्यवस्था का सबसे ज़्यादा मज़ाक उड़ा रहे हैं। SIR चुनाव आयोग की एक व्यवस्था है और दशकों से लागू है। लोग अपने स्वार्थ के लिए राजनीतिक कारणों से इसका विरोध करते हैं। यह चिंताजनक और निंदनीय है। SIR पर चर्चा का मतलब है कि आप चुनाव आयोग के खिलाफ चर्चा चाहते हैं। क्या लोकसभा चुनाव आयोग पर चर्चा शुरू कर सकती है? जो लोग अपने संविधान की व्यवस्था को नहीं समझते, उनके पास इस तरह के तर्क का कोई जवाब नहीं है।” अखिलेश यादव के ‘ऑपरेशन महादेव’ वाले बयान पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “यह उनकी तुष्टिकरण की राजनीति का बेशर्म प्रदर्शन है।”
बीजेपी नेता सीपी जोशी ने कहा, “कांग्रेस पाकिस्तान को लेकर चिंतित क्यों है? वे पाकिस्तान को बढ़त दिलाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? वे इस बात से चिंतित क्यों हैं कि पाकिस्तान ने कितने विमान खो दिए, हम जीते या हारे? सेना को नीचा दिखाना कांग्रेस के स्वभाव में क्यों है? जो भाषा पाकिस्तान बोलता है, वही भाषा कांग्रेस पार्टी बोलती है। उनके तीन नेताओं के वीडियो पाकिस्तान में वायरल हो रहे हैं… 2004-2014 के बीच देश में अनगिनत आतंकवादी घटनाएं और हमले हुए, जिनमें हजारों लोग मारे गए या घायल हुए। अगर आपने उनमें से एक में भी कार्रवाई की, तो देश को इसके बारे में बताएं।”
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, “यह युद्ध का समय नहीं है। हमने सभी को प्रोत्साहित किया है कि बातचीत और कूटनीति के माध्यम से शांति होनी चाहिए। हमारी नीति है कि हम अपने ऊपर हुए हमलों का जवाब देते हैं, पहले किसी पर एकतरफा हमला नहीं करते।”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा, “भारत सरकार यह नहीं देख रही है कि असली दुश्मन कौन है। सारे आतंकवादी पाकिस्तान से आते हैं, लेकिन पाकिस्तान के पीछे कौन खड़ा है? चीन है। क्या हर बार युद्ध जैसे हालात होने पर हमें इसी स्थिति से गुजरना होगा। व्यापार को टाला नहीं जा सकता। चीन हमारी ज़मीन और व्यापार छीन रहा है।”
SIR मुद्दे पर विपक्ष के विरोध पर भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा, “SIR एक बहुत ही महत्वपूर्ण अभ्यास है। कांग्रेस पार्टी ने भी अपने कार्यकाल में 20-25 बार ऐसा किया है। यह अभ्यास लंबे समय से नहीं किया गया है। हमें सरकार से यह मांग करनी चाहिए कि जिन लोगों को वोट देने का अधिकार नहीं है, उनकी पहचान की जाए। अगर यह एक संवैधानिक कार्य है, तो उन्हें इससे क्या समस्या है।”
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर को ‘तमाशा’ कहने वाली अपनी अब हटाई जा चुकी टिप्पणी पर कांग्रेस सांसद प्रणीति शिंदे ने कहा, “अगर उन 26 लोगों के परिवार प्रभावित हुए हैं, तो हम 1000 बार माफी मांगने को तैयार हैं। लेकिन हम इन ट्रोल्स और भाजपा के अंधभक्तों से कभी माफ़ी नहीं मांगेंगे। भाजपा ने ऑपरेशन सिंदूर का इस्तेमाल अपनी पीआर रणनीति और दिखावे के लिए किया है। आज भी हम इसी रुख पर कायम हैं।”
पीएम मोदी के लोकसभा भाषण पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कहते हैं, “डोनाल्ड ट्रंप बार-बार यही कहते रहते हैं। उनमें हिम्मत नहीं है कि वो झूठ बोल रहे हैं, और हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे। उनमें हिम्मत नहीं है कि कह सकें, ‘हम ऐसी बकवास बर्दाश्त नहीं करते। दाल में कुछ काला है, कुछ कमज़ोरियां हैं, इसलिए ये लोग बोलते नहीं हैं।’
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत कहते हैं, “मोदी-शाह बनना आसान है, और नेहरू-पटेल बनना मुश्किल। आपको बस ईवीएम हैक करनी है और कुछ अडानी को अपने पाले में करना है। लेकिन, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, राजीव गांधी, मनमोहन सिंह और इंदिरा गांधी बनना बहुत मुश्किल है। आपने संसद में मोदी जी का भाषण सुना होगा। यह सरकार डोनाल्ड ट्रंप से डरती है।”
प्रियंका वाड्रा, हिबी ईडन, केसी वेणुगोपाल और अन्य कांग्रेस सांसदों ने तस्करी और धर्म परिवर्तन के आरोप में छत्तीसगढ़ में केरल की दो ननों की गिरफ्तारी को लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
कल लोकसभा में पीएम मोदी के भाषण पर कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा, “कल 28वीं बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने युद्धविराम को संभव बनाया है। पीएम मोदी संसद में डोनाल्ड ट्रंप का नाम लेने से क्यों डर रहे हैं? वह ऐसा करने को तैयार क्यों नहीं हैं? पीएम मोदी का यह कर्तव्य है कि वह राज्यसभा में यह बयान दें कि डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहे हैं।”
कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने प्रधानमंत्री मोदी के लोकसभा में दिए गए बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने में किसी विश्व नेता की कोई भूमिका नहीं थी, पर कहा, “अभी भी कोई स्पष्टता नहीं है क्योंकि सरकार की ओर से कोई ठोस रुख नहीं अपनाया गया है। जैसा कि मैंने कहा, इस मामले में या तो ट्रंप या मोदी झूठ बोल रहे हैं।”
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुवेर्दी ने लोकसभा में पीएम मोदी की ‘भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम में कोई विश्व नेता शामिल नहीं था’ टिप्पणी पर कहा, ‘उन्होंने लगभग दो घंटे तक बात की और भारत सरकार से पूछे जा रहे सवालों का विस्तृत जवाब दिया। मुझे उम्मीद थी कि वह राज्यसभा को संबोधित करेंगे, लेकिन मुझे लगता है कि वह आज इसे संबोधित नहीं करने वाले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कोई मध्यस्थता नहीं है, हम प्रधानमंत्री जो कह रहे हैं उसे हम सच मानते हैं। साथ ही, जैसे ही उन्होंने यह कहा। 10 घंटे के भीतर डोनाल्ड ट्रम्प ने दो बार दोहराया है। इसलिए, मुझे लगता है कि एक समय आता है जब आपको पूरी तरह से रेखा खींचने की जरूरत होती है और अमेरिका को यह बताने की जरूरत होती है कि ये बार-बार बयान। अगर वह हमें व्यापार के बारे में बात करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। तो व्यापार समझौता कहां है? ”
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी संसद पहुंच चुकी है। आज राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा होनी है।
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर कि किसी भी विश्व नेता ने भारत और पाकिस्तान के बीच हस्तक्षेप नहीं किया है, कांग्रेस सांसद किरण कुमार चमाला ने कहा, “कल प्रधानमंत्री इतने लंबे समय तक बोले लेकिन उन्होंने एक शब्द में भी स्पष्ट नहीं किया कि डोनाल्ड ट्रंप सच बोल रहे हैं या झूठ। वह लोगों को बता सकते थे कि डोनाल्ड ट्रंप झूठे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने फिर वही बात कही कि उन्होंने पाकिस्तान और भारत के बीच हस्तक्षेप किया… वह यह भी कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी मेरे सबसे अच्छे दोस्त हैं। इसलिए इन दोनों सबसे अच्छे दोस्तों को सामने आकर एक साथ स्पष्टता देनी होगी या तो प्रधानमंत्री मोदी सही हैं या ट्रंप। अमेरिका के एक जिम्मेदार राष्ट्रपति के रूप में ट्रंप बार-बार कह रहे हैं, अगर उन्होंने कल रात 30वीं बार कहा, तो हम सभी को सोचना होगा कि यह किस बारे में है।”
संसद में लोकसभा नेता राहुल गांधी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भाजपा नेता लंका दिनाकर कहते हैं, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल संसद में बहुत स्पष्ट रूप से कहा और यही बात सार्वजनिक रूप से कई बार बताई गई, कि न तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और न ही पाकिस्तान के अलावा किसी अन्य देश ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद युद्ध रोकने का अनुरोध, अपील या निवेदन किया था। जो व्यक्ति ‘विदेशी डीएनए’ से जुड़ता है, वह ‘देसी’ भावनाओं, संस्कृति और परंपराओं से नहीं जुड़ सकता है। हमारे बहादुर सैनिकों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के कारण राहुल गांधी ने अपना आपा खो दिया। राहुल गांधी को आतंकवादियों के खिलाफ लड़ना पसंद नहीं है और उनके व्यवहार से ऐसा लगता है जैसे आतंकवादी स्वागत के लिए पर्यटक हैं।”
आप सांसद संजय सिंह ने एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) के मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत कार्य स्थगन नोटिस दिया।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान पर भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “पीएम मोदी ने अपने भाषण में हर एक बात का खुलासा किया था। उन्होंने बहुत स्पष्ट रूप से कहा था कि किसी भी विश्व नेता ने भारत-पाकिस्तान मामले में हस्तक्षेप नहीं किया है…” उन्होंने आगे कहा, “पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का श्रेय तीनों भारतीय सशस्त्र बलों को दिया था। उन्होंने कहा था कि भारतीय सशस्त्र बलों ने एक ऐसा कार्य किया है जो दुनिया की कोई भी सेना नहीं कर सकती थी।”
कल लोकसभा में पीएम मोदी के भाषण पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, ‘पीएम मोदी एक कमज़ोर प्रधानमंत्री के रूप में सामने आए। देश को एक शक्तिशाली पीएम की जरूरत है जो राहुल गांधी का सामना कर सके। पीएम ने ये नहीं कहा कि डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहे हैं। ट्रंप की बहादुरी देखिए। उन्होंने आज दोहराया कि उन्होंने युद्ध रोक दिया है। पीएम ने चीन के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा। सरकार को हमारी संप्रभुता और स्वाभिमान से ज़्यादा व्यापार की चिंता है। हमारी बहनों का सिंदूर पोछा गया, उनके आंसू भी नहीं सूखे और हम साथ में क्रिकेट खेल रहे हैं। क्या हम व्यापार के लिए अपना स्वाभिमान गिरवी रखेंगे।’
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि अमेरिकी मध्यस्थता स्वीकार कर पीएम मोदी ने देश की भावनाओं के साथ विश्वासघात किया है।
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने “दिल्ली में चल रहे बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ अभियान” के मामले पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।
