ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में चर्चा जारी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज राज्यसभा में अपने भाषण की शुरुआत की। वहीं, शाम को गृहमंत्री अमित शाह ने भी राज्यसभा में सरकार का पक्ष रखा। इस दौरान विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया और पीएम मोदी के राज्यसभा में जवाब देने की मांग की। जिसका जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ने तय किया था कि चर्चा जितनी आप चाहोगे उतनी होगी लेकिन जवाब कौन देगा ये सरकार तय करेगी।
पीएम मोदी ने विपक्ष को दिया करारा जवाब: प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि किसी भी देश ने हस्तक्षेप करके भारत को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमले करने से नहीं रोका। उन्होंने कहा कि भारत ने अपने 100 पर्सेंट लक्ष्य हासिल करने के बाद अपना आक्रमण रोक दिया और भविष्य में पाकिस्तान द्वारा कोई भी कोशिश करने पर उसे निर्णायक जवाब देने की चेतावनी दी। साथ ही, उन्होंने कांग्रेस पर पाकिस्तानी दुष्प्रचार में शामिल होने का आरोप भी लगाया।
इस बड़ी चर्चा से जुड़े तमाम बड़े अपडेट्स के लिए बने रहिए जनसत्ता के इस लाइव पेज पर...
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा पर शिवसेना सांसद नरेश ने कहा, "इतना ज़्यादा टैरिफ लगाना ठीक नहीं है...भारत भी एक शक्तिशाली देश है। हम अपने फ़ैसले ख़ुद ले सकते हैं। वे हम पर कोई शर्तें नहीं थोप सकते..."
राज्यसभा में भाजपा सांसद मनन कुमार मिश्रा बोले, "अमित शाह जी ने आज बहुत ही स्पष्ट और साहसिक जवाब दिया है। उन्होंने संसद में सभी बिंदुओं को सामने रखा है। उन्होंने पाकिस्तान को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है। उन्होंने भारत के साथ-साथ विदेशी धरती पर भी आतंकवाद को खत्म करने का संकल्प लिया है... हमारी सरकार अपने वादों के प्रति प्रतिबद्ध है..."
संसद के मानसून सत्र 2025 पर कांग्रेस सांसद अंगोमचा बिमोल अकोईजाम ने कहा, "हमें मणिपुर पर उसी तरह चर्चा करनी चाहिए थी जैसे हमने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की थी... मणिपुर में राष्ट्रपति शासन कानून-व्यवस्था की स्थिति के कारण नहीं लगाया गया है, बल्कि सत्तारूढ़ दल को होने वाली शर्मिंदगी से बचाने के लिए लगाया गया है... राज्य में नए चुनाव होने चाहिए... मैं मणिपुर पर चर्चा शुरू करने के लिए प्रस्ताव पेश करूंगा और मुझे उम्मीद है कि वे इस पर सहमत होंगे..."
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के दौरान विपक्ष के राज्यसभा से वॉकआउट पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "मुझे लगता है कि उन्होंने अपनी गलतियों, खासकर पी चिदंबरम के बयान, राहुल गांधी के भाषण और अखिलेश यादव के बयानों के कारण पहले ही फैसला कर लिया था। आतंकवाद और नक्सलवाद का समर्थन करने का उनका इतिहास रहा है। वे जानते हैं कि जब भी अमित शाह बोलेंगे, उनकी पोल खुल जाएगी, और इसीलिए वे डर जाते हैं और भाग जाते हैं... उनके पास जवाब सुनने का धैर्य और साहस नहीं है।"
राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि सरकार धर्म के आधार पर कार्यों का नामकरण करने के अलावा कुछ नहीं जानती। लेकिन कांग्रेस यह नहीं समझती कि 'हर हर महादेव' केवल एक धार्मिक नारा नहीं है...वे हर चीज को हिंदू-मुस्लिम के नजरिए से देखते हैं।"
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त से भारत पर 25% टैरिफ लगाया, कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, "यह पीएम मोदी और भारत के लिए बहुत बड़ा झटका है... तारीफ ही तारीफ में टैरिफ लग गया... हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप से कोई फायदा नहीं हुआ.. राष्ट्रपति ट्रंप 30 बार कह चुके हैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर रोक दिया है... तो हमें इस (भारत-अमेरिका) दोस्ती से क्या मिला? देश अभी भी सवाल कर रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर अचानक क्यों रोक दिया गया.. यह हमारे देश, हमारी अर्थव्यवस्था और पीएम के लिए बहुत बड़ा झटका है। पीएम को डरना नहीं चाहिए। यह अमेरिका द्वारा ब्लैकमेल है... यह हमारे लिए परेशानी का समय है। यह हमारे इंजीनियरिंग, फार्मास्यूटिकल्स और व्यापार उद्योगों को प्रभावित करेगा। यह हमारे सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है। हम सोचते थे कि हमारे सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं - पाकिस्तान और चीन, लेकिन अमेरिका तीसरी बड़ी मुसीबत बनकर उभरा है।"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में बोलने के दौरान विपक्ष के वॉकआउट पर झामुमो सांसद महुआ माजी ने कहा, "कल प्रधानमंत्री ने लोकसभा में बात की थी लेकिन वह आज राज्यसभा में नहीं आए। कल अपने भाषण के बाद, राष्ट्रपति ट्रम्प ने फिर से युद्धविराम में अपनी भागीदारी के बारे में बात की और आज भी, उन्होंने टैरिफ लगाए।"
राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि सरकार धर्म के आधार पर कार्यों का नामकरण करने के अलावा कुछ नहीं जानती। लेकिन कांग्रेस यह नहीं समझती कि 'हर हर महादेव' केवल एक धार्मिक नारा नहीं है...वे हर चीज को हिंदू-मुस्लिम के नजरिए से देखते हैं।"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बोलते समय विपक्ष के राज्यसभा से वॉकआउट पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, "प्रधानमंत्री द्वारा कल लोकसभा में दिया गया जवाब संसदीय परंपराओं के साथ विश्वासघात जैसा है। उन्होंने राज्यसभा और उच्च सदन की गरिमा का अपमान किया है। उन्होंने कहा था कि वह आज राज्यसभा आएंगे... कल अपने भाषण के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति ने फिर कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में शामिल थे। वह शायद डर गए होंगे क्योंकि वह अमेरिका द्वारा लगाए गए 25% टैरिफ की जवाबदेही नहीं लेना चाहेंगे... यही कारण है कि हमने वॉकआउट किया।"
राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि आत्मरक्षा के तहत हमने कार्रवाई की। हमने पाकिस्तान को दिखा दिया कि भारत क्या कर सकता है। शाह ने कहा, "पाकिस्तान घुटने पर आ गया और उसके DGMO बोले- बंद करो। हमारा मकसद युद्ध नहीं था इसलिए गुजारिश मानी।
शाम को गृहमंत्री अमित शाह ने भी राज्यसभा में सरकार का पक्ष रखा। इस दौरान विपक्ष ने 'Where is PM' के नारे लगाए और पीएम मोदी के राज्यसभा में जवाब देने की मांग की। जिसका जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ने तय किया था कि चर्चा जितनी आप चाहोगे उतनी होगी लेकिन जवाब कौन देगा ये सरकार तय करेगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाए जाने पर भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, "निश्चित रूप से भारत सरकार इसका संज्ञान लेगी। हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि भारत सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है। मेरी निजी राय में यह दुर्भाग्यपूर्ण है।"
भाजपा सांसद तापिर गाओ ने कहा, "मैंने संसद में यह मुद्दा उठाया है कि भारत सरकार को 14वें दलाई लामा को इसलिए मान्यता देनी चाहिए क्योंकि वह बौद्ध हैं, बल्कि इसलिए कि वह दुनिया के लिए अहिंसा, शांति और करुणा के दूत हैं। मैंने अनुरोध किया है कि भारत सरकार 14वें दलाई लामा को भारत रत्न से सम्मानित करे।"
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज शाम 6:30 बजे ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा पर राज्यसभा में जवाब देंगे। गृहमंत्री के कार्यालय ने इस बारे में जानकारी दी।
ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान राज्यसभा में बोलते हुए कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने कहा, "प्रधानमंत्री ने हाल ही में आठ अलग-अलग देशों का दौरा किया, लेकिन उन्हें पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों से मिलने का समय नहीं मिला..."
सशस्त्र बलों द्वारा किए गए अभियानों के हिंदू नामों के खिलाफ अपनी टिप्पणी पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, "मैं अपना रुख और जो मैंने कहा उसके पीछे का कारण सामने रखना चाहूंगा, लेकिन मैं ऐसा सही समय पर सभी के सामने करूंगा।"
राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, "हमें उनकी (तत्कालीन कांग्रेस सरकार की) तुष्टिकरण की सीमा को समझने की जरूरत है कि 2008 में इंडियन मुजाहिद्दीन द्वारा किए गए जयपुर बम विस्फोटों के बाद, भारत और पाकिस्तान एक विशिष्ट विश्वास-निर्माण उपायों पर सहमत हुए थे। वो हमें गोलियों से भूनते रहे और हम उनको बिरयानी खिलाने चले। उन्होंने नियंत्रण रेखा पार करने के लिए ट्रिपल-एंट्री परमिट की अनुमति दी।"
राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए जेपी नड्डा ने कहा, "2005 में जौनपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस में हरकत-उल-जिहाद ने बम ब्लास्ट किया था। 14 लोग मारे गए और 62 घायल हुए लेकिन उस वक्त कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जो आज हमसे पूछ रहे हैं कि पहलगाम का क्या हुआ, वो पहले खुद के गिरेबान में झांककर देखें।"
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के बयान पर भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत ने कहा, 'देश में जो काम हुआ है, भाजपा संसद में उसी का बखान करती है। देश में समाजवादी पार्टी सिमट रही है। जब तक भारत के सशस्त्र बल देश की सीमाओं पर डटे हैं, कोई भी उन सीमाओं को छोटा नहीं कर सकता। देश के सशस्त्र बलों का मनोबल ऊंचा है। देश के 140 करोड़ लोगों को उन पर भरोसा है।'
लोकसभा में कल पीएम मोदी के भाषण पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने 14 बार जवाहरलाल नेहरू का नाम लिया। यह भी अजीब बात है। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू को इसमें क्यों घसीटा?"
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, "यह 29वीं बार है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया है कि युद्धविराम में उनकी भूमिका थी। अगर ट्रंप 29 बार वैश्विक मंच पर कह चुके हैं कि युद्धविराम व्यापार के बदले में हुआ था, तो यह भारत की छवि के खिलाफ है। प्रधानमंत्री को भी इसे खुले तौर पर खारिज करना चाहिए ताकि भारत की वैश्विक छवि को नुकसान न पहुंचे।"
ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान राज्यसभा में बोलते हुए, राजद सांसद मनोज झा कहते हैं, "दुख की घड़ी में राष्ट्रीय एकता को सरकार की उचित आलोचना से बचाने के लिए ढाल के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।"
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, "ऐसा किसी देश में नहीं होता कि संसद इस बात पर चर्चा करे कि देश ने युद्ध जीता या नहीं। लेकिन यह केंद्र सरकार का साहस है कि उसने इसे स्वीकार किया। राहुल गांधी ओछी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री के लिए भी इसी तरह का लहजा इस्तेमाल किया। जिस वंश से वह आते हैं, वह यह स्वीकार नहीं कर सकते कि परिवार के बाहर का कोई प्रधानमंत्री हो। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि दुनिया के किसी भी नेता ने हमें युद्ध रोकने के लिए मजबूर नहीं किया।"
राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान राजद सांसद मनोज झा ने कहा, "राष्ट्रीय सुरक्षा को 'नारेबाजी' का विषय बनाया गया।"
आप दिल्ली संयोजक सौरभ भारद्वाज कहते हैं, "प्रधानमंत्री मोदी की बोलने की एक अलग शैली है। जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री पर सीधी टिप्पणी करते थे। वे किसी भी विपक्षी नेता को नहीं छोड़ते। उनके खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हैं। हालाँकि, वैश्विक नेताओं के लिए उनका स्वाभाविक अंदाज़ बिल्कुल बदल जाता है। अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लेने से उनका डर साफ़ दिखाई देता है। उन्हें सीधे कह देना चाहिए कि डोनाल्ड ट्रंप, आप झूठ बोल रहे हैं।"
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के युद्ध विराम और टैरिफ पर दिए गए बयान पर कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा, "कल पीएम को साफ तौर पर कहना चाहिए था कि युद्ध विराम में अमेरिका का कोई हाथ नहीं है और उनके राष्ट्रपति झूठ बोल रहे हैं। अगर ट्रंप ने आज इसके खिलाफ बयान दिया है, तो आज जब पीएम सदन में आए तो उन्हें कहना चाहिए था कि अमेरिकी राष्ट्रपति फिर झूठ बोल रहे हैं और हम किसी के बहकावे में आकर युद्ध विराम पर सहमत नहीं हुए। पीएम को जवाब देना होगा कि भारतीय सेना किसी और के इशारे पर काम नहीं करती।"
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, "कल बड़ी संख्या में लोग पीएम मोदी से नाराज थे। लोग चाहते थे कि एक बार प्रधानमंत्री मोदी हिम्मत दिखाएं और कहें कि ट्रंप ने जो कहा वो गलत है।"
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के युद्ध विराम और टैरिफ पर बयान पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "पीएम मोदी और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द, अगर आप ध्यान से सुनेंगे, तो वे 'गोल-मोल' शब्द हैं। राहुल गांधी ने कल भी कहा था, उन्हें सीधे कहना चाहिए कि अमेरिकी राष्ट्रपति झूठ बोल रहे हैं।"
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका के साथ संचार पर, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "9 मई को, अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस ने प्रधानमंत्री को फोन करके चेतावनी दी कि अगले कुछ घंटों में पाकिस्तानी हमला होगा। प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया कि अगर कुछ भी हुआ, तो उसका उचित जवाब दिया जाएगा। ऐसा हुआ, और हमारी प्रतिक्रिया ने पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणालियों को निष्क्रिय कर दिया और उनके हवाई अड्डों को निष्क्रिय कर दिया। हमें फोन आए कि पाकिस्तान लड़ाई रोकने के लिए तैयार है। हमसे बात करने वाले किसी भी व्यक्ति को हमने यही जवाब दिया कि पाकिस्तानी पक्ष को एक अनुरोध करना होगा, और वह अनुरोध डीजीएमओ के माध्यम से आना होगा... दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नेता नहीं था जिसने भारत से अपने अभियान रोकने के लिए कहा हो। व्यापार से कोई संबंध नहीं था। हमारे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच कोई कॉल नहीं हुई थी।"
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "हमने हमसे बात करने वाले किसी भी व्यक्ति को यही जवाब दिया कि पाकिस्तानी पक्ष को अनुरोध करना होगा, और यह अनुरोध डीजीएमओ के माध्यम से आना चाहिए। दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नेता नहीं था जिसने भारत से अपने अभियान बंद करने को कहा हो। व्यापार से कोई संबंध नहीं था। हमारे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच कोई बातचीत नहीं हुई।"