गुड़गांव के जी डी वशिष्ठ ज्योतिष संस्थान पर उपभोक्ता अदालत ने जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने संस्थान को पंचकूला की एक महिला को नौ प्रतिशत प्रति वर्ष के ब्याज के साथ 4200 रुपए लौटाने के निर्देश दिए हैं। इस ज्योतिष संस्थान ने महिला को गलत और भ्रामक जानकारी दी थी। महिला के पति एम के अग्रवाल द्वारा पंचकूला उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कराने के बाद पांच अगस्त को अपने फैसले में अदालन ने ज्योतिष संस्थान को शिकायतकर्ता को 20 हजार रुपए अतिरिक्त देने को कहा। यह पैसे उनके परेशान होने और मानसिक पीड़ा और कष्ट झेलने को लेकर कोर्ट ने देने को कहा। इसके अलावा याचिका दाखिल करने को लेकर भी पांच हजार रुपए देने का आदेश दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने निर्देश दिया है कि 3 अगस्त 2018 से रिफंड राशि मिलने तक ब्याज जोड़ा जाएगा।

क्या है मामला: दरअसल, महिला ने अपने बेटे की शादी में हो रही देरी को लेकर ज्योतिष संस्थान से संपर्क किया। उन्होंने इस संस्थान के बारे में टीवी पर देखा था। इस टीवी शो में गुरू जी को सवाल मेल या फोन के जरिए भेजे जाते हैं और गुरू जी सवालों के जवाब मुफ्त में देते हैं। अग्रवाल ने बताया कि उनकी पत्नी ने टीवी शो पर जी डी वशिष्ठ का गुरू मंत्रा देखा था।

अग्रवाल ने बताया कि उनकी पत्नी मृदुला अग्रवाल ने मार्च 2018 में इस संस्थान को कॉल किया और अपने बेटे आदित्य मोहन अग्रवाल की शादी में हो रही देरी का कारण और निदान जानना चाहा। इस दौरान एक आचार्य सरिता द्वारा कॉल का जवाब दिया गया, जिन्होंने समस्या का अध्ययन करने के लिए नाम, जन्म तिथि और जन्म स्थान सहित सभी विवरण लिया, और फिर कहा कि दो साल की अवधि के लिए एक विस्तृत पूर्वानुमान सुझाव और उपचार के साथ भेजा जाएगा। जिसके लिए 4200 रुपये शुल्क लिया जाएगा।

शिकायतकर्ता का कहना है कि उनकी पत्नी ने यह लेने से मना किया लेकिन फिर भी उनके पास भविष्यफल भेजा गया और 4200 रुपए देने को कहा गया। इस दौरान भविष्यफल में लड़के का जन्म समय गलत लिखा गया था और इसी आधार पर जानकारी भी दी गई थी। जन्म का सही समय 3:10 दोपहर का था लेकिन भविष्यफल में जन्म का समय सुबह का 15:10 था। इस शिकायत के जवाब में भी अग्रवाल परिवार को संतुष्ट करने वाला जवाब नहीं मिला जिसके बाद 12 फरवरी 2019 मामले की शिकायत की गई। ज्योतिष संस्थान को इस मामले में नोटिस भेजा गया लेकिन इस संदर्भ में कोई भी जवाब नहीं आया जिसके बाद उपभोक्ता अदालत ने यह फैसला लिया।