दक्षिणी कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि आर्मी के अफसरों को संदिग्ध फोन कॉल्स आने और उनसे रक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी हासिल करने की कोशिशों के मामले में इजाफा हुआ है। हालांकि, अब सैनिकों और केंद्रीय विद्यालय में पढ़ रहे अफसरों के बच्चों को भी इस तरह के फोन आ रहे हैं। यहां तक कि सैन्य गतिविधि से जुड़े हुए स्थानों के रेलवे स्टेशन मास्टरों से भी जानकारी निकालने की कोशिश हो रही है। इनमें से अधिकतर कॉल्स पाकिस्तानी एजेंट्स के होते हैं जो अंदरूनी जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं। रावत ने मीडिया से बातचीत करते हुए यह जानकारी दी।
जनरल रावत ने कहा, ”हमें पाकिस्तानी एजेंट्स की ओर से बहुत सारे फोन कॉल्स मिल रहे हैं जो कुछ खास चीजों की जानकारी मांगते हैं। कॉलर कहता है कि आर्मी हेडक्वॉर्टर से बोल रहा है। कई बार वे कहते हैं कि वे सीनियर अफसर हैं। कभी कभार जवानों को लगता है कि एक बहुत सीनियर अफसर ने फोन किया है। ऐसे में जब उसका अपना सुपरवाइजर नहीं है तो वो बहुत सारी जरूरी सूचनाएं दे देता है। कॉल करने वाले ऑफिसर्स, सूचनाएं या मिलिट्री एक्सरसाइज की जानकारी मांगते हैं।”
केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ने वाले अफसरों के बच्चों को फोन करके उनके पिता से जुड़ी जानकारी मांगते हैं। जनरल ने कहा कि अगर किसी को ऐसी कॉल आती है या उसने गलती से कोई सूचना दे दी है तो उसे तुरंत करीबी पुलिस थाने या आर्मी यूनिट को इसकी जानकारी देनी चाहिए। इस तरह की चीजों को छिपाने की जरूरत नहीं है। इन कॉल्स को ट्रेस करके पता लगाया जा सकता है कि कॉल कौन कर रहा है।