विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तान और आतंकवाद के मुद्दे पर खुलकर बातचीत की है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि आतंकवाद पाकिस्तान का एक अहम टूल रहा है, जिसके जरिए वह भारत को मेज पर लाने की कोशिश करता रहा है, लेकिन भारत ने पाकिस्तान की इस नीति को अप्रासंगिक बना दिया है। जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने कूटनीतिक बातचीत में सीमा पार आतंकवाद को फायदे के तौर पर इस्तेमाल कर रहे पाकिस्तान के प्लान को बेअसर कर दिया है।

क्या बोले विदेश मंत्री?

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के मुद्दे पर कहा, “ऐसा मामला नहीं है कि हम किसी पड़ोसी के साथ व्यवहार नहीं करेंगे। आखिरकार एक पड़ोसी पड़ोसी ही होता है, लेकिन यह है कि हम उनके (पाकिस्तान) द्वारा निर्धारित शर्तों के आधार पर व्यवहार नहीं करेंगे। जहां वह आपको बातचीत की मेज पर लाने के लिए आतंकवाद का उपयोग करते हैं।”

चीन पर क्या बोले?

इंटरव्यू के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत को आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और साझा हितों पर आधारित रिश्ते की वकालत करते हुए चीन के जुड़ने की जरूरत है।

जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत चीन के माइंड गेम से हार गया, तो उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि हम हमेशा हारे हैं।” एस जयशंकर ने भारत के चीन के साथ संबंधों कहा कि नेहरू ने चाइना फर्स्ट की पॉलिसी पर काम किया था लेकिन हम सरदार पटेल की यथार्थवाद की धारा के मुताबिक काम कर रहे हैं।

चीन के साथ संबंधों पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “शुरुआत से ही नेहरू और सरदार पटेल के बीच चीन को कैसे जवाब दिया जाए इस मुद्दे पर तीव्र मतभेद रहा है…मोदी सरकार चीन से निपटने में सरदार पटेल द्वारा शुरू की गई यथार्थवाद की धारा के अनुरूप काम कर रही है…हमने ऐसे रिश्ते बनाने की कोशिश की है जो आपसी संबंधों पर आधारित हों। जब तक उस पारस्परिकता को मान्यता नहीं दी जाती, इस रिश्ते का आगे बढ़ना मुश्किल होगा…”