पाकिस्तान पर तीखा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (24 सितंबर) को पड़ोसी देश के नेतृत्व को चेताया कि भारत उरी हमले को कभी भूलेगा नहीं और 18 जवानों की शहादत जाया नहीं जाएगी। रविवार (18 सितंबर) को सीमापार से उरी सैन्य शिविर पर घातक आतंकी हमले के बाद पहली सार्वजनिक रैली में मोदी ने कहा कि भारत पाकिस्तान को कूटनीतिक स्तर पर अलग थलग करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा और आतंक के निर्यात, निर्दोष लोगों की हत्या और खूनखराब जैसी उसकी गतिविधियों का पर्दाफाश करेगा। भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक से इतर कोझिकोड समुद्र तट पर एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आतंकवादी ध्यान से सुन लें कि भारत उरी हमले को कभी भूलेगा नहीं, मैं पाकिस्तान के नेतृत्व को बताना चाहता हूं कि हमारे 18 जवानों की शहादत जाया नहीं जाएगी।’ उरी आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान को सीधे जिम्मेदार ठहराते हुए मोदी ने कहा कि उस देश द्वारा आतंकवादियों के निर्यात के कारण ही हमारे 18 सैनिक शहीद हुए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एशिया में एक देश ऐसा है जिसका मकसद आतंकवाद को फैलाना है और वह देश यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि 21वीं सदी एशिया की सदी नहीं बन सके। उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद के लिए प्रत्येक राष्ट्र केवल एक देश को जिम्मेदार बता रहा है। एशिया में केवल एक देश आतंकवादियों की पनाहगाह है। वह एकमात्र ऐसा देश है जो दुनियाभर में आतंक का निर्यात करने में लगा है।’ मोदी ने कहा, ‘चाहे अफगानिस्तान हो या बांग्लादेश हो या कोई अन्य देश हो, हमने देखा है कि जहां कहीं से भी आतंकी घटनाओं की खबर आती है, आतंकवादी या तो उस देश (पाकिस्तान) से गए होते हैं या अपराध करने के बाद वहां रह रहे होते हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आतंकवाद के समक्ष कभी नहीं झुका है और भविष्य में भी नहीं झुकेगा तथा इसे परास्त करने के लिए प्रयासरत रहेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पड़ोसी देश से भेजे गए फिदायीन हमलावरों की ओर से 17 प्रयास किए गए जिसे हमारे बहादुर सैनिकों ने नाकाम कर दिया। हमारे बहादुर सैनिकों ने हाल के वर्षो में 110 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया। उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। दुनियाभर के मानवतावादियों को एकजुट होकर आतंकवाद की निंदा करनी चाहिए।’ उन्होंने देशवासियों को आश्वस्त किया कि भारत सुरक्षित है और सवा सौ करोड़ देशवासी अपने सैनिकों एवं सुरक्षाकर्मियों की बहादुरी पर गर्व करते हैं। मोदी ने कहा, ‘पड़ोसी देश के नेता आतंकवादियों की इबारत को पढ़ते हैं और कश्मीर का राग अलापते रहते हैं। आज मैं यहां से पाकिस्तान के लोगों से सीधे बात करना चाहता हूं। मैं उन्हें याद दिलाना चाहता हूं कि 1947 से पहले आपके पूर्वजों ने इस भूमि को सलाम किया था।’
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के लोगों से कहा, ‘आपको अपने नेताओं से पूछना चाहिए कि पकिस्तान क्यों पीओके, पूर्ववर्ती बांग्लादेश के अलावा पख्तूनिस्तान, गिलगित, बलूचिस्तान को नहीं संभाल सका और कश्मीर की बात करके आपको गुमराह करने का प्रयास कर रहा है।’ मोदी ने कहा कि पकिस्तान की जानता को अपने नेताओं से पूछना चाहिए कि एक साथ आजादी प्राप्त करने के बाद भी क्या कारण है कि भारत सॉफ्टवेयर का निर्यात कर रहा है और पाकिस्तान आतंकवाद का निर्यात कर रहा है। पड़ोसी देश पर करारा प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पड़ोसी देश के नेता यह कहते रहते हैं कि वे भारत के साथ 1000 वर्षो तक युद्ध करेंगे, वे कहां हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैं इस चुनौती को स्वीकार करता हूं। मैं बताना चाहता हूं कि भारत, पाकिस्तान के साथ लड़ना चाहता है। अगर आपमें साहस है तब क्यों नहीं गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा को समाप्त करने के लिए लड़ते हैं। तब देखें कि कौन सा देश जीतता है, भारत या पाकिस्तान।’ मोदी ने कहा कि सरकार गरीबी को समाप्त कर भारत को समृद्ध बनाने के जन संघ के संस्थापक दीन दयाल उपाध्याय की सोच को आगे बढ़ाएगी जिनका जन्मशती समारोह कल (रविवार, 25 सितंबर) है।