Operation Sindoor News: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन द्वारा पाकिस्तान को लाइव मदद किए जाने की जानकारी उप सेना प्रमुख द्वारा दी गई है। उनके इस बयान पर ़डिफेंस एक्सपर्ट रिटायर्ड कैप्टन अनिल गौर ने कहा कि पाकिस्तान एक भिखारी मुल्क है और चीन आने वाले दिनों में उसे अपना प्रांंत बना सकता है।

उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि पाकिस्तान के पास हथियार खरीदने के लिए न तो पैसा है और न उनके पास हथियार बनाने की इंडस्ट्री है। उसके पास अमेरिका और चीन से हथियार आ रहे हैं। अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए उसे पहले वहां से इजाजत लेनी पड़ती है लेकिन चीन अपने हितों को साधने के लिए पाकिस्तान की मदद करता है।

रिटायर्ड कैप्टन अनिल गौर ने आगे कहा कि चीन ने उसे काफी हथियार दिए हैं और दे रहा है। चीन ने पाकिस्तान के अंंदर करो डॉलर खर्च किए हुए हैं। उसे पता है कि पाकिस्तान एक भिखारी देश है और वो जल्द ही कंगाल हो जाएगा। वो चीन का प्रांत बहुत आराम से बन सकता है। श्रीलंका जैसा हाल पाकिस्तान का होने वाला है।

तुर्की द्वारा भी पाकिस्तान की मदद किए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि एर्दोगन खुद को खलिफा मान रहे हैं। वो खलिफा का पुराना साम्राज्य बनाना चाहते हैं, इसलिए इसीलिए पाकिस्तान की मदद कर रहे हैं। हम सभी इसे समझते हैं, और इसलिए हम जवाबी कदम उठा रहे हैं। हमारी जो नीतियां हैं, वे इन सभी चीजों को खत्म कर देंगी।

‘ऑपरेशन सिंदूर में भारत का तीन विरोधियों से हुआ सामना’, डिप्टी आर्मी चीफ ने चीन – तुर्किये को लेकर कही बड़ी बात

ऑपरेशन सिंदूर में चीन को भी हुआ नुकसान – प्रोफेसर श्रीकांत कोंडापल्ली

प्रोफेसर श्रीकांत कोंडापल्ली ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी चीन को नुकसान उठाना पड़ा क्योंकि 9 और 10 मई को ऑपरेशन के दौरान चीन की मिसाइल प्रणाली, ड्रोन और अन्य हथियार ब्रह्मोस हमलों के खिलाफ काम नहीं कर पाए। इससे पता चलता है कि उनके हथियारों में कुछ कमियां हैं। उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं कि तुर्की, पाकिस्तान और चीन एक साथ काम कर रहे हैं, इसलिए हमें अपनी हवाई रक्षा को और मजबूत करने की जरूरत है।

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर उपसेना प्रमुख ने क्या जानकारी दी? जानिए बड़ी बातेंं

  1. उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने कहा कि चीन ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष का उपयोग विभिन्न हथियार प्रणालियों के परीक्षण के लिए एक लैब की तरह किया है।
  2. लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने चीन की “36 चालों’ की प्राचीन सैन्य रणनीति और “उधार के चाकू” से दुश्मन को मारने की रणनीति का उल्लेख करते हुए इस बात पर जोर दिया कि बीजिंग ने भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए पाकिस्तान को हरसंभव समर्थन दिया।
  3. उन्होंने कहा कि भारत वास्तव में तीन शत्रुओं का सामना कर रहा था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन के अलावा तुर्किये भी इस्लामाबाद को सैन्य साजो-सामान की आपूर्ति में प्रमुख भूमिका निभा रहा था।
  4. लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने कहा कि चीन उत्तरी सीमा पर खुद सीधे टकराव में पड़ने के बजाय भारत को नुकसान पहुंचाने के लिए पड़ोसी देश का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद करता है। उन्होंने कहा कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान केवल सामने का चेहरा था, जबकि असली समर्थन चीन से मिल रहा था।