भारत में नक्‍शे को लेकर नया कानून लाए जाने की तैयारियों से पाकिस्‍तान भड़क गया है। भारत के इस प्रस्तावित कानून के खिलाफ पाकिस्‍तान ने संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव और संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद को चिट्ठी लिखी है। इस पर भारत ने कड़ा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रस्‍तावित नक्‍शा बिल पूरी तरह से भारत का अंदरूनी कानूनी मामला है। पूरा जम्‍मू कश्‍मीर भारत का अखंड हिस्‍सा है। पाकिस्‍तान या किसी और देश को इस मामले में सवाल उठाने का अधिकार नहीं है।

नए बिल का मसौदा भारत सरकार ने इसी महीने वेबसाइट पर डाला है। इसमें नक्शा गलत दिखाने पर 100 करोड़ जुर्माना और 7 साल की जेल जैसे प्रावधानों का जिक्र है। इसके अलावा नक्‍शा छापने और बांटने के लिए लाइसेंस की भी जरूरत होगी। इसका मतलब यह हुआ कि गूगल मैप्‍स और एप्‍पल मैप्‍स को भी भारत सरकार से मंजूरी लेनी होगी।

‘डॉन’ में छपी मतीन हैदर की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्‍तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता नफीस जकारिया ने भारत के प्रस्‍तावित बिल को गलत और बगैर किसी कानूनी आधार वाला बताया है। उनका कहना है कि भारत का सरकारी नक्‍शा संयुक्‍त राष्‍ट्र परिषद के रेजॉल्‍यूशन का उल्‍लंघन है, क्‍योंकि इसमें आजाद जम्‍मू-कश्‍मीर को भारत के हिस्‍से के तौर पर दिखाया गया है। जकारिया का कहना है कि नए बिल के तहत भारत सरकार उन लोगों और संस्‍थाओं को सजा देगी जो आजाद जम्‍मू-कश्‍मीर को भारत का हिस्‍सा नहीं मानते हैं।

संयुक्‍त राष्‍ट्र में पाकिस्‍तान के स्‍थाई प्रतिनिधि की ओर से भारत के प्रस्‍तावित कानून के खिलाफ यूएन को चिट्ठी भेजी गई है। इसमें कहा गया है कि यूएन से अपील की गई है कि वह भारत को ऐसा कानून बनाने से रोके, जो कि इंटरनेशनल लॉ का उल्‍लंघन करता हो। पाकिस्‍तान ने अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय और संयुक्‍त राष्‍ट्र से गुहार लगाई है कि वे कश्‍मीर में जनमत संग्रह कराने का अपना पुराना वादा निभाएं। आपको बता दें कि पिछले भारत सरकार ने अज-जजीरा चैनल का प्रसारण एक हफ्ते तक रोक दिया था। अल-जजीरा पर बार-बार कश्‍मीर का गलत नक्‍शा दिखाने का आरोप था।