नेहा को चर्च में गाए जाने वाले भजनों से खास लगाव था। लेकिन पिछले साल उनका इन भजनों से नाता हमेशा के लिए टूट गया। दरअसल 14 साल की नेहा का जबरदस्ती ईसाइयत से इस्लाम में धर्मपरिवर्तित कर दिया गया और उनकी शादी 45 वर्षीय एक ऐसे व्यक्ति से कर दी गई जिनके बच्चे नेहा की उम्र से भी दोगुनी उम्र के थे। नेहा अपनी कहानी इतनी धीमी आवाज में बताती हैं कि बीच-बीच में वह सुनाई तक नहीं देती है। वे एक नीले रंग के दुपट्टे से अपने सिर और मुंह को छिपाए रखती हैं। नेहा के पति इस समय जेल में हैं और उन पर रेप का आरोप है। इस बीच नेहा छिप कर डर की जिंदगी जी रही हैं।

नेहा पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय की उन हजारों लड़कियों में से हैं, जो हर साल जबरन इस्लाम में धर्मांतरित करा दी जाती हैं। ये धर्मांतरण कम उम्र की लड़कियों की जबरन शादी, देह व्यापार और दूसरे गलत कामों के लिए कराए जाते हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ता बतातें हैं कि लॉकडाउन के समय में तो ये काम और भी ज्यादा बढ़ गया था। हालांकि स्कूल खुल जाने के बाद से दुल्हन की ट्रैफेकिंग करने वाले गिरोह सक्रिय हो गए हैं।

अमेरिकी सरकार ने हाल ही में चिंता जताई थी कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता को जबरदस्त खतरा है। जिसे कि पाकिस्तानी सरकार ने नकार दिया था। पाकिस्तान में हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों की स्थिति के आधार पर अमेरिकी सरकार ने ये बात कही थी। अधिकतर मामलों में अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों का अपहरण किया जाता है। जिसके बाद उनकी जबरन शादी कराई जाती है। इसके लिए उनका धर्म बदला जाता है। कई मामलों में लड़कियां रेप का शिकार हो जाती हैं।

चिंता की बात ये है कि ये काम पाकिस्तान में एक खुले व्यापार की तरह होता है जहां पुलिस जांच नहीं करती, अदालतें सुनवाई नहीं करती और धार्मिक संस्थाएं भी इन अपराधों को कानूनी बता देती हैं।

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मुताबिक पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियां आसानी से इस तरह के अपराधों का शिकार हो जाती हैं। पाकिस्तान की आबादी का सिर्फ 3.6 फीसदी ही अल्पसंख्यक आबादी है लेकिन उन पर होने वाले अपराधों की कोई सीमा ही नहीं है।