नयी दिल्ली । भारत नेआज पाकिस्तान सेकहा कि वह जम्मू-कश्मीर मेसीमा पर सघर्षविराम का उल्लघन करना तत्काल बंद करे क्योंकि देश मेंजमीनी हालात अब बदल चुकेहैं।

एक समारोह से इतर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘पाकिस्तान को समझना चाहिए कि भारत मेंहालात अब बदल गए हैं।’’
सिंह जम्मू जिले में पाकिस्तान द्वारा किए गए संघर्षविराम उल्लंघन पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। संघर्षविराम के इस उल्लंघन में पांच ग्रामीण मारे गए और 29 लोग घायल हो गए।

नरेंद्र मोदी सरकार ने पाकिस्तान के प्रति एक बेहद कड़ा रूख अपना रखा है। नयी दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग द्वारा कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को विचार-विमर्श के लिए बुलाए जाने के बाद भारत ने अगस्त में होने वाली विदेश सचिव स्तरीय बैठकों को भी रद्द कर दिया था।
सिंह ने कहा कि उन्होंने जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अरनिया इलाके में स्थिति की जानकारी लेने के लिए बीएसएफ के महानिदेशक डी के पाठक से बात की है।

उन्होंने कहा, ‘‘बीएसएफ के महानिदेशक को जम्मू-कश्मीर के उन सीमावर्ती इलाकों में पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं, जहां से संघर्षविराम के उल्लंघन की घटनाओं की खबर है।’’

पिछली बार सिंह ने बीएसएफ प्रमुख को कहा था कि वे पाकिस्तान को राज्य में संघर्षविराम का उल्लंघन करने के लिए उपयुक्त जवाब दें।
कांग्रेस और भाजपा ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम का उल्लंघन किया जाना एक ‘गंभीर’ मुद्दा है और उसे ऐसी गतिविधियों से बाज आना चाहिए।

भाजपा के नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘‘पाकिस्तान जो भी कर रहा है, वह निश्चित तौर पर एक गंभीर मुद्दा है। हम पाकिस्तान को यह बता देना चाहते हैं कि ऐसी गतिविधियां उसके लिए अच्छी नहीं हैं।’’

पाकिस्तान की गतिविधियों की निंदा करते हुए पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि ऐसी घटनाएं ईद के मौके पर हुईं।
कांग्रेस के नेता खुर्शीद ने कहा, ‘‘इससे ज्यादा बुरा और कुछ हो नहीं सकता।’’

पार्टी के ही वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने इन उल्लंघनों के बारे मोदी सरकार की चुप्पी पर हैरानी जताई है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह बेहद दुर्भाग्य की बात है कि जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी जारी है और इस स्थान पर सीमा पार से होने वाली कोई भी गोलीबारी बहुत अधिक गंभीर है। सबसे ज्यादा दुर्भाग्य की बात यह है कि सरकार भी चुप्पी साधे हुए है।’’

प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए आजाद ने पूछा क्या चुनावी रैलियों के दौरान दिखाया गया साहस खत्म हो गया?

आजाद ने कहा, ‘‘चनावों से पहले वे पाकिस्तान को ललकार रहे थे लेकिन अब वे खामोश हैंं।’’