पाकिस्तान भारत के खिलाफ अपनी दुष्प्रचार करने की नीति से बाज नहीं आ रहा है। अब एक बार फिर पाकिस्तान ने ऐसी हरकत की है, जिस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की है। बता दें कि भारतीय तीर्थयात्रियों का एक जत्था इन दिनों पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारा ननकाना साहिब और गुरुद्वारा सच्चा सौदा के दर्शनों के लिए गया हुआ है। वहां पर जब 21 और 22 नवंबर को पाकिस्तान में स्थित भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने भारतीय तीर्थयात्रियों से मिलने की कोशिश की तो उन्हें मिलने नहीं दिया गया और गुरुद्वारों में एंट्री भी नहीं दी गई। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है और अपने एक बयान में कहा है कि पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की मंजूरी के बावजूद भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को तीर्थयात्रियों से मिलने नहीं दिया गया और उनका उत्पीड़न भी किया गया। जिसके चलते भारतीय अधिकारियों को बिना तीर्थयात्रियों से मिले और उच्चायोग की जिम्मेदारियां निभाए बिना ही इस्लामाबाद लौटना पड़ा।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में एक अधिकारिक शिकायत भी दर्ज करायी है। भारत ने इस मुद्दे पर चिंता जाहिर करते हुए इस घटना को सांप्रदायिकता और असहिष्णुता को बढ़ावा देने वाली करार दिया और इसे भारत की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता को कम करने के उद्देश्य से अलगाववादी प्रवृत्ति को बढ़ावा देने वाली बताया। भारत ने पाकिस्तान से शिमला और लाहौर समझौते का भी पालन करते हुए अपनी धरती से भारत विरोधी दुष्प्रचार को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग भी की। वहीं भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को तीर्थयात्रियों से नहीं मिलने देने को भारत ने विएना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस, 1961 और विएना कन्वेंशन ऑन काउंसलर रिलेशंस, 1963 का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया।
सरकार का कहना है कि पाकिस्तान ने 1974 में दोनों देशों के बीच हुए द्विपक्षीय समझौते का भी उल्लंघन किया है। बता दें कि इस समझौते के तहत दोनों देशों के तीर्थ यात्रियों को एक-दूसरे देश के तीर्थस्थानों पर जाने और उच्चायुक्तों के साथ व्यवहार के लिए कोड ऑफ कंडक्ट बनाने की बात हुई थी। नई दिल्ली ने पाकिस्तान को याद दिलाते हुए कहा कि जब पाकिस्तान के तीर्थ यात्री भारत में कलियर शरीफ की यात्रा पर आए थे, उस वक्त भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग को तीर्थयात्रियों से मिलने की पूरी छूट दी थी। उल्लेखनीय है कि ऐसी खबरें सामने आयी हैं कि पाकिस्तान खूफिया एजेंसी आईएसआई पंजाब में एक बार फिर से खालिस्तान मूवमेंट को खड़ा करने की कोशिश कर रही है। अब जिस तरह से पाकिस्तान के गुरुद्वारों में भारतीय उच्चायोग को एंट्री नहीं दी गई उससे पाकिस्तान की नीयत पर शक होना स्वभाविक है।