पाकिस्तानी सैनिक यूएवी या कैमरों का इस्तेमाल करके सीमा से लगे भारतीय क्षेत्र में जासूसी करने के लिए प्रत्येक मौके का इस्तेमाल कर रहे हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) उप महानिरीक्षक (राजस्थान फ्रंटियर) रवि गांधी ने बताया कि भारतीय क्षेत्र पर नजर रखने के लिए पाकिस्तान प्रौद्योगिकी का सर्वश्रेष्ठ इस्तेमाल कर रहा था लेकिन आपत्ति जताने के बाद यह काम रुक गया है। यद्यपि अभी भी अन्य क्षेत्रों में कुछ चिंताएं हैं।
जानकारी के मुताबिक बीएसएफ जवानों ने गत अप्रैल में सीमा के पास पाकिस्तानी क्षेत्र में 150-400 मीटर की ऊंचाई पर एक गतिशील प्रकाश देखा था। गांधी ने कहा, ‘‘हमें नहीं पता कि वह वास्तव में क्या था। यद्यपि उसे ड्रोन या एक यूएवी मानते हुए हमने पाकिस्तानी रेजर्स के सामने इसे उठाया और विरोध जताया जिसके बाद यह कार्य रुक गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यद्यपि उसके बाद उन्होंने बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और गंगानगर में कई स्थानों पर सीमा के पास कैमरे लगाने शुरू कर दिये।’’ उन्होंने बताया कि राजस्थान फ्रंटियर की सीमा से उन कैमरों को तब हटा लिया गया जब ‘‘हमने इस कदम पर विरोध जताया लेकिन कुछ कैमरे अन्य फ्रंटियर में सीमा पर अभी भी लगे हुए हैं।’’
गांधी ने कहा, ‘‘हमने पाकिस्तान के इस कदम पर गंभीर आपत्ति जतायी जिसके बाद रेंजर्स ने कैमरे हटा लिये।’’
एक पुलिस अधिकारी ने सीमा से लगे भारतीय क्षेत्र में स्थित गांवों में अपने सूत्रों के हवाले से कहा, ‘‘हो सकता है कि यह पाकिस्तानी रेंजर्स का अपने गुप्तचर तक पहुंचने की कोशिश का हिस्सा हो, हो सकता है कि मादक पदार्थ या हथियारों के साथ कुछ तस्कर अंधेरी रात में भारतीय क्षेत्र में घुसें।’’
इस बीच बीएसएफ बीकानेर क्षेत्र में जिप्सम खनन मामले से भी निपट रहा है। बीएसएफ गश्ती दलों ने कई ट्रक जब्त किये हैं और सीमा के पास खनन में लिप्त कई व्यक्तियों को पकड़ा है।
गांधी ने कहा, ‘‘हमने बीकानेर क्षेत्र में सीमा के पास कई जिप्सम खनन गतिविधियां पकड़ी हैं और अप्रैल और मई में ट्रक और व्यक्तियों को बज्जू पुलिस थाने को सौंपा है।’’
उन्होंने आगाह किया कि यद्यपि ऐसी गतिविधियां स्थानीय खनन माफिया द्वारा की जा रही हैं लेकिन अवांछित तत्व इस स्थिति का फायदा उठा सकते हैं, जो कि राष्ट्रीय हित के लिए नुकसानदायक हो सकता है।