Pakistan Airspace Closure: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु संधि को रद्द करने के साथ ही पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश दे दिया था। दूतावास के स्तर पर भारत सरकार ने पाकिस्तानी सरकार को झटका दिया था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी तिलमिलाहट में ऐसा ही किया और भारतीय एयरलाइन कंपनियों के लिए पाकिस्तानी एयरस्पेस तक बंद कर दिया।
दरअसल, नागरिक उड्डयन मंत्री के राम मोहन नायडू ने सोमवार को कहा कि सरकार पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र बंद होने के प्रभाव का बेहतर आकलन कर रही है। सरकार यात्रियों की सहूलियतों और एयरलाइन कंपनियों को होने वाले नुकसान तक के सभी मुद्दों पर मंथन कर रही है। उन्होंने कहा कि संभावित समाधान निकालने के लिए वैकल्पिक मार्गों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि हवाई क्षेत्र बंद होने से औसत भारतीय यात्रियों पर नेगेटिव प्रभाव न पड़े।
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उड्डयन मंत्री ने वैकल्पिक मार्ग पर क्या कहा?
उड्डयन मंत्री ने कहा कि अगले ही दिन हमने एयरलाइनों के साथ बैठक की। हमें सभी शुरुआती फीडबैक मिले लेकिन मैंने उनसे कहा कि वे इस बात पर गहनता से काम करें कि अगर यह छह महीने या एक साल तक जारी रहा तो क्या आकलन होगा। कौन से रूट प्रभावित होंगे और भविष्य में भारतीय एयरलाइनों और विदेशी एयरलाइनों के बीच क्या अंतर होगा। हमें निर्णय लेने से पहले इन सभी बातों को अच्छी तरह से समझना होगा।
पाकिस्तान द्वारा गुरुवार शाम से भारतीय एयरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद करने के साथ भारतीय एयरलाइनों द्वारा संचालित प्रति सप्ताह 800 से अधिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को सफर के दौरान ज्यादा समय लग रहा है। ज्यादा फ्यूल की खपत हो रही है और ज्यादा पैसा खर्च हो रहा है। ये सभी उड़ानें भारत के पश्चिम में विभिन्न गंतव्यों के लिए नियमित रूप से पाकिस्तान के ऊपर से उड़ान भर रही थीं।
भारतीय एयरलाइन पर पड़ रहा नेगेटिव प्रभाव
उत्तर भारत से पश्चिम एशिया, काकेशस, यूरोप, यूके और उत्तरी अमेरिका के पूर्वी क्षेत्र के लिए भारतीय एयरलाइनों की उड़ानों के अपने नियमित रूट से अलग लंबा रूट लेने के चलते एयरलाइन कंपनियों पर नेगेटिव प्रभाव पड़ रहा है। फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा से पता चलता है कि उत्तरी अमेरिका से आने-जाने वाली एयर इंडिया की कुछ अल्ट्रा-लॉन्ग-हॉल उड़ानें अब यूरोपीय हवाई अड्डों पर तकनीकी रूप से रुक रही हैं। इस दौरान प्लेन में ईंधन भरा जाता है और क्रू मेंबर्स भी बदले जाते हैं।
भारतीय वाहक पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से प्रतिबंध को ध्यान में रखते हुए अपने शेड्यूल को भी नए सिरे से मैनेज कर रहे हैं। इंडिगो ने पहले ही मध्य एशियाई शहरों अल्माटी और ताशकंद के लिए अपनी उड़ानें निलंबित कर दी हैं क्योंकि पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र के बंद होने से ये गंतव्य उसके विमानों की सीमा से बाहर हो गए हैं। उद्योग के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, भारतीय एयरलाइनों की लागत में वृद्धि होना तय है जिसके चलते यात्रियों के लिए किराया बढ़ सकता है।इसके अतिरिक्त अन्य देशों की एयरलाइनों को भारतीय एयरलाइनों की तुलना में लागत और समय का लाभ मिलेगा क्योंकि पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र उनके लिए खुला रहेगा।
पश्चिमी देशों की यात्रा पर सबसे ज्यादा असर
उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि भारतीय यात्री प्रभावित हो रहे हैं और सबसे ज्यादा असर यूरोप और अमेरिका जाने वाले यात्रियों के साथ दिक्कत है। इसलिए, हमें यह आकलन करना होगा कि इसका कितना प्रभाव पड़ने वाला है, फिर हम कुछ समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। इसके लिए हम एयरलाइनों के साथ मिलकर काम करने जा रहे हैं।
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सभी प्रमुख भारतीय एयरलाइनें देश के पश्चिमी गंतव्यों के लिए अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें संचालित करती हैं, और इनमें से कई उड़ानें नियमित रूप से पाकिस्तान के ऊपर से उड़ान भरती थीं। एयर इंडिया पश्चिम एशिया, यूरोप, यूके और उत्तरी अमेरिका के लिए उड़ानें संचालित करती है, जबकि इंडिगो पश्चिम एशिया, तुर्की, काकेशस और मध्य एशिया के लिए उड़ानें संचालित करती है।
वैकल्पिक मार्ग को लेकर उड्डयन मंत्री ने कहा कि तकनीकी रूप से कहें तो वे उत्तर की ओर जा सकते हैं और पूर्वी दिशा से एक नया रूट बना सकते हैं, लेकिन वहां चुनौती यह है कि वो काफी उच्च ऊंचाई वाला मार्ग है। आपको हिमालय के ऊपर से जाना होगा और फिर उस क्षेत्र में प्रवेश करना होगा। इसलिए फिर से, विमान और पायलटों और चालक दल की तकनीकी क्षमता पर चुनौतियां खड़ी होंगी।