उमर फारुक़ के पिता मीरवाइज़ मौलवी फारुक़ की 26वीं पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर आयोजित जुलूस नोहाटा स्थित जामा मस्जिद से शुरू हुआ। अलगाववादियों के नेता मीरवाइज उमर फारुक़ की अगुवाई में निकल रहे जुलूस में नकाब पहने कुछ लोगों ने पाकिस्तानी झंडे दिखाए।

एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, “हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन के नेतृत्व में निकली रैली में युवाओं के एक समूह ने पाकिस्तानी और हरे(इस्लामी) झंडे लहराए।” अधिकारियों के मुताबिक पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि विवादित झंडे लहराने वाले लोग कौन थे।

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जुलूस का समापन अवामी एक्शन कमेटी के हेड आॅफिस, मीरवाइज़ मंजिल में हुआ। मीरवाइज़ मौलवी फारुक़ को 21 मई, 1990 में उनके आवास पर दो बंदूकधारियों ने कत्ल कर दिया था।

2011 में, हुर्रियत के वरिष्ठ नेता अब्दुल गनी भट ने कहा था कि फारुक़ को “हमारे अपने लोगों” ने मारा था। राज्य सरकार लगातार ये कहती रही है कि हिज्बुल मुजाहिदीन के तत्कालीन कमांडर मोहम्मद अबदुल्ला बंगारू ने फारुक़ की हत्या की थी।